Maratha Reservation: छगन भुजबल ने सोमवार को कहा कि अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) वर्ग के तहत मराठों को आरक्षण देने के लिए पिछले दरवाजे से किये जा रहे प्रयास का विरोध किया जाएगा.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल के मराठा आरक्षण पर दिए बयान ने महायुति गठबंधन के भीतर तनाव पैदा कर दिया है. शिवसेना के शिंदे गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले सीएम एकनाथ शिंदे और पार्टी के अन्य सदस्यों ने एनसीपी नेता की आलोचना की है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे ने इस मुद्दे पर सरकार के अडिग रुख पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य ओबीसी समुदाय के लिए निर्धारित आरक्षण का अतिक्रमण किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना है. मुख्यमंत्री ने ओबीसी या किसी अन्य समुदाय के भीतर संदेह पैदा करने या विभाजन पैदा करने के किसी भी प्रयास को हतोत्साहित किया.
देसाई की ने किया भुजबल के बयान का कड़ा विरोध
पोर्ट के मुताबिक शिंदे गुट के स्टेट एक्साइज मंत्री शंभुराजे देसाई ने भुजबल के बयान की कहीं अधिक तीखी आलोचना की.
देसाई ने भुजबल के बयान को पूरी तरह गलत बताया और सनसनीखेज टिप्पणी करने की उनकी ‘प्रवृत्ति’ की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एक बार जब मुख्यमंत्री ने मुद्दे को संबोधित कर लिया है, तो स्थिति को बाधित करने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए.
देसाई सीएम और डिप्टी सीएम से करेंगे बात
देसाई ने आगे कहा कि उनका इरादा सीएम और डिप्टी सीएम अजीत पवार दोनों के साथ चर्चा करने का है. चूंकि भुजबल पवार की पार्टी से हैं, इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि पवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे बयान न दिए जाएं.
देसाई ने साफ किया कि राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से केवल उन मराठों को कुनबी (ओबीसी) जाति प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया है जो उचित दस्तावेज के साथ अपने कुनबी वंश को प्रमाणित कर सकते हैं.
क्या कहा भुजबल था?
छगन भुजबल ने सोमवार को कहा कि अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) वर्ग के तहत मराठों को आरक्षण देने के लिए पिछले दरवाजे से किये जा रहे प्रयास का विरोध किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा और दबाव की रणनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनकी यह बयान राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आया है.
भुजबल ने कहा, ‘प्रदर्शनकारी अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बल और धमकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि देखी गई.' उन्होंने कहा कि जब मराठा नेताओं को एहसास हुआ कि उन्हें सीधे (ओबीसी कोटा के बाहर) आरक्षण नहीं मिलेगा, तो उन्होंने इसे पिछले दरवाजे से (ओबीसी वर्ग के भीतर) प्राप्त करने का प्रयास किया.
भुजबल ने कहा, ‘हम ऐसी रणनीति को स्वीकार नहीं करेंगे और अपने आरक्षण की रक्षा के लिए लड़ेंगे. संविधान ने सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के उत्थान के लिए आरक्षण प्रदान किया है और यह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है.' उन्होंने कहा, ‘संविधान के मुख्य निर्माता बी आर आंबेडकर ने सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण प्रदान किया है, ना कि आर्थिक मानदंडों के आधार पर.’
(एजेंसी इनपुट के साथ)