ZEE EXCLUSIVE: चीन-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की काली करतूत, चीन के लोगों को पढ़ा रही खालिस्तान का झूठा राग
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ZEE EXCLUSIVE: चीन-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की काली करतूत, चीन के लोगों को पढ़ा रही खालिस्तान का झूठा राग

आज हम भारत के पड़ोसी देश चीन के 'खालिस्तान' प्रेम पर एक बेहद बड़ा खुलासा कर रहे हैं कि कैसे चीन की खुफिया एजेंसी अब अपने देश के लोगों को 'खालिस्तान' का पाठ पढ़ा कर, भारत के टूटने के झूठे सपने दिखा रही है.

ZEE EXCLUSIVE: चीन-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की काली करतूत, चीन के लोगों को पढ़ा रही खालिस्तान का झूठा राग

Khalistan: पिछले साल सितंबर में Zee News ने Exclusive खुलासा करते हुए आपको सबूतों के साथ दिखाया था कि कैसे भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकी संगठनों की मदद अब चीन भी भारत को तोड़ने की साजिश के तहत कर रहा है. इसी कड़ी में आज हम फिर से भारत के पड़ोसी देश चीन के 'खालिस्तान' प्रेम पर एक बेहद बड़ा खुलासा कर रहे हैं कि कैसे चीन की खुफिया एजेंसी अब अपने देश के लोगों को 'खालिस्तान' का पाठ पढ़ा कर, भारत के टूटने के झूठे सपने दिखा रही है.

सोशल मीडिया पर चीन फैला रहा झूठ

चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo और Bilibili पर ऐसे पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें चीनी भाषा में चीन के लोगों को खालिस्तानी आतंकी संगठनों की अमेरिका और ब्रिटेन में आयोजित रैलियों के बारे में बताया जा रहा है. इसके साथ ही उनके वीडियोज पोस्ट करके झूठ परोसा जा रहा है कि भारतीय सिख परेशान हैं और अलग खालिस्तान देश की मांग कर रहे हैं.

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चीन की खुफिया एजेंसी से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट

जिन चीनी सोशल मीडिया अकाउंट्स से खालिस्तान के समर्थन में चीनी भाषा में ये पोस्ट किए जा रहे है. उनके कुल 70 लाख से ज्यादा चीनी फॉलोवर्स हैं. ZEE NEWS को मिली एक्सक्लूसिव खुफिया जानकारी के मुताबिक ये सारे अकाउंट्स चीन की खुफिया एजेंसी Ministry of State Security यानी MSS से जुड़े हुए, जिनका काम चीनी लोगों के बीच खालिस्तान का झूठा प्रचार प्रसार करके उन्हें समझाना है कि भारत टूट रहा है.

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फेसबुक-एक्स पर भी चीन फैला रहा प्रोपेगेंडा

अपने देश में चलने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स के अलावा भी चीन की खुफिया एजेंसी विदेशों में रहने वाले चीनी नागरिकों के लिए फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर भी चीनी भाषा में खालिस्तान का सारा भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैला रही है. लेकिन, चीन की खुफिया एजेंसी द्वारा अपने लोगों को परोसे जाने वाला खालिस्तान का झूठ सिर्फ उसकी सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसकी राष्ट्रीय टीवी मीडिया और अखबार तक चीनी भाषा में अपने लोगों तक भारत के खिलाफ खालिस्तान का प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं, जिसके Exclusive सबूत Zee News के पास हैं.

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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI कर रही मदद

चीनी लोगों तक भारत के खिलाफ झूठा खालिस्तानी प्रोपेगेंडा फैलाने में चीन की खुफिया एजेंसी MSS की पूरी मदद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन Sikhs For Justice भी कर रहा है. आतंकी संगठन Sikhs For Justice से जुड़ा एक एक्स (ट्विटर) अकाउंट 5 River TV Network विदेशों में रहने वाले चीन के लोगों को साधने के लिए चीनी भाषा Mandarin में ट्वीट कर खालिस्तान वाला भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैला रहा है. तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के पाकिस्तानी और चीनी नाम वाले BOT अकाउंट्स ट्विटर पर खालिस्तान का झूठा एजेंडा चीनी भाषा में फैलाने में जुटे हुए हैं.

बगावत से बचने के लिए चीन फैला रहा झूठा एजेंडा

चीन के लोगों तक खालिस्तान का झूठा एजेंडा सोशल मीडिया के द्वारा फैलाने की यह साजिश ब्रिटेन में रहने वाले खालिस्तान मामलों के जानकर नवदीप सिंह की रिसर्च में सामने आई है, जिसका भारत की खुफिया एजेंसी ने भी संज्ञान लिया है. Zee News को खुफिया सूत्रों से मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक चीन की खुफिया एजेंसी अपने देश में अपने लोगों को खालिस्तान का ये झूठा प्रोपेगेंडा अपने झूठे राष्ट्रवाद के लिए पढ़ा रही है. ताकि उसके देश के लोग पड़ोसी देश भारत और भारत के लोकतंत्र को कमजोर समझें और चीन की गिरती व्यवस्था और वैश्विक साख के बीच भी चीन की तानाशाही व्यवस्था में चीनी लोगों का भरोसा कायम रहे.

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चीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा अपने लोगों को झूठा खालिस्तानी प्रोपेगेंडा परोसने के कारणों पर हमने देश के जाने माने फॉरेन एक्सपर्ट और भारत के पूर्व खुफिया अधिकारियों से भी बातचीत की है. चीन की खुफिया एजेंसी सोशल मीडिया पर अपने लोगों को खालिस्तान का झूठा राग पढ़ा रही है, बता रही है, समझा रही है. ये पहली बार है जब चीनी एजेंसियों के Project K की टारगेट ऑडियंस भारतीय के बजाए उनका देश है. भारत के पूर्व खुफिया अधिकारी एनके सूद के मुताबिक, अपनी तानाशाही को बरकरार रखने के लिए डरा हुआ ड्रैगन ये झूठा प्रोपेगेंडा लोगों को बता रहा है.

अब से कुछ दिन पहले भारत ने तिब्बत के कुछ शहरों के नाम बदले थे, वहीं भारत के ताइवान के साथ बेहतर होते आर्थिक संबंधों से भी ड्रैगन की सरकार की अपने देश के किरकरी हो रही है. ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो गलवान , तवांग में हुई पिटाई और पिछड़ रही अर्थव्यवस्था के बाद बगावत से बचने, सत्ता बचाने के लिए भारत को कमजोर दिखाने और विदेशों में बसे चीनियों से खालिस्तानी आतंकी संगठनों को चंदा और मदद दिलवाने के लिए चीन की खुफिया एजेंसी अपने देश के लोगों को खालिस्तान का राग पढ़ा रही है.

2020 में हुई थी चीन के खालिस्तान प्रेम की शुरुआत

खुफिया सूत्रों की मानें तो चीन के खालिस्तान प्रेम की शुरुआत साल 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान की टकराव के बाद हुई थी, जिसमे ना सिर्फ खालिस्तानी आतंकी संगठन ने चीन की सरकार का भारत के खिलाफ समर्थन किया था, बल्कि चीनी राष्ट्रपति को पत्र लिख कर आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने चीन दौरे के बारे में जानकारी दी थी. इसके बाद खालिस्तान, चीन और पाकिस्तान का एक साझा कार्यक्रम बन गया, लेकिन इस बार ये दोनो देश जिनपिंग की सत्ता बचाने के लिए भारतीयों की जगह चीनियों को खालिस्तान पर ज्ञान दे रहे हैं, जिसके अलग अलग मायने निकाले जा रहें हैं.

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