दिल्ली एयरपोर्ट के गेट पर खड़े इन चारों मुसाफिरों को सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस प्रोफाइलिंग टीम को शक के आधार पर हिरासत में लिया था.
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नई दिल्ली: पासपोर्ट में नंबरों की गड़बड़ ने चार मुसाफिरों को सलाखों के पीछे भेज दिया है. यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का है. इन चारों मुसाफिरों को सीआईएसएफ ने टर्मिनल थ्री के गेट पर रैंडम चेकिंग के दौरान पकड़ा है. ये चारों युवक फर्जी पासपोर्ट की मदद से वैंकूवर जाने की फिरांक में थे. ये अपने मंसूबों में सफल होते, इससे पहले इन्हें सीआईएसएफ की इंटेलीजेंस विंग ने पकड़ लिया.
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 23 जुलाई की दोपहर करीब तीन बजे सीआईएसएफ के इंटेलीजेंस प्रोफाइलिंग टीम को टर्मिनल गेट पर खड़े 4 मुसाफिरों की गतिविधि पर शक हुआ. शक के आधार पर, सीआईएसएफ ने चारों मुसाफिरों के दस्तावेजों की जांच शुरू की. जांच के दौरान सीआईएसएफ के एक अधिकारी की निगाह पासपोर्ट पर दर्ज सीरियल नंबर पर गई. उन्होंने पाया कि पासपोर्ट के जैकेट पेज में दर्ज सीरियल नंबर और बाकी पेज में दर्ज सीरियल नंबर अलग-अलग हैं.
जिसके बाद, सीआईएसएफ ने चारों मुसाफिरों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. पूछताछ के दौरान सीआईएसएफ ने पाया कि चारों पासपोर्ट पर इन मुसाफिरों के नाम मैरी कार्लिन, एजे जोसेफ, राबर्ट जॉन और एन्ड्रू टी कुमार दर्ज था. हालांकि पूछताछ के दौरान चारों मुसाफिरों के अपने असली नामों का खुलासा करते हुए बताया कि उनका नाम किंजल पटेल, अब्दुल मियां, किरण कुमार और हार्दिक पटेल है. ये सभी मुसाफिर अपना नाम बदल कर कनाडा जाने की फिरांक में थे.
पूछताछ के दौरान, इन्होंने बताया कि उन्हें सीए-984 फ्लाइट से बीजिंग के लिए रवाना होना था. बीजिंग से ये सभी कनाडा के वैंकूवर शहर के लिए रवाना होने वाले थे. ये सभी अपने मंसूबों में सफल होते, इससे पहले सीआईएसएफ ने उन्हें हिरासत में ले लिया. फिलहाल, सीआईएसएफ ने चारों मुसाफिरों को फर्जी पासपोर्ट समेत इमीग्रेशन विभाग के हवाले कर दिया है.