सीएम आदित्यनाथ ने बिजली आपूर्ति के संबंध में निर्देश दिए हैं कि फीडर वाइज जवाबदेही तय की जाए. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज और अधिकारियों को भी तलब किया. साथ ही उन्होंने जवाबदेही के लिए भी सख्त निर्देश दिए.
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उत्तर प्रदेश में बिजली की हो रही कटौती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों पर नाराजगी जताई है. बिजली कटौती पर उन्होंने अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गांव हो या शहर, ट्रांसफार्मर खराब हों तो तत्काल बदले जाएं. साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि प्रत्येक जिले की प्रत्येक दिन समीक्षा की जाए. रोस्टर की भी कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.
सीएम आदित्यनाथ ने बिजली आपूर्ति के संबंध में निर्देश दिए हैं कि फीडर वाइज जवाबदेही तय की जाए. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था की जाए. मुख्यमंत्री ने बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज और अधिकारियों को भी तलब किया. साथ ही उन्होंने जवाबदेही के लिए भी सख्त निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिजली व्यवस्था की नीति को पूरी तत्परता से लागू किया जाए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे और गांव वाले इलाकों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के लोग इलाकों से मिलने वाले हर शिकायत का निवारण करें.
बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ट्वीट कर कहा, 'पिछले साल जून महीने की बिजली की मांग 26369 एमडब्ल्यू के सामने वर्तमान जून में 27610 एमडब्ल्यू की खपत चल रही है. यह मांग अप्रत्याशित है. ऐतिहासिक रूप से ज्यादा है.' शर्मा ने आगे कहा, 'पिछले कई वर्षओं की अधिकतम मांग से भी ज्यादा इस समय की चल रही न्यूनतम मांग है- 18701 एमडब्ल्यू. ऐसे में सभी विद्युत कर्मियों से अनुरोध है कि जनता को निर्बाध बिजली देने के लिए तत्परता से सेवा में लगे रहें. सबका सहयोग एवं बिजली का संयमपूर्ण उपयोग प्रार्थनीय है.' बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की आपूर्ति ज्यादा होने की वजह से सिस्टम ही ठप पड़ गया है.