ममता और अभिषेक बनर्जी में कोल्ड वॉर: एक दूसरे से नाराज चल रहे हैं बुआ-भतीजा, दो धड़ों में बंटी TMC!
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ममता और अभिषेक बनर्जी में कोल्ड वॉर: एक दूसरे से नाराज चल रहे हैं बुआ-भतीजा, दो धड़ों में बंटी TMC!

Cold War Between Mamata Banerjee and Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी और उनके भतीजे के बीछ तनाव से जुड़ी खबरें आ रही हैं. कहा जा रहा है कि एक खास मुद्दे को लेकर अभिषेक बनर्जी पार्टी के नेताओं से अलग चल रहे हैं. 

ममता और अभिषेक बनर्जी में कोल्ड वॉर: एक दूसरे से नाराज चल रहे हैं बुआ-भतीजा, दो धड़ों में बंटी TMC!

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच कुछ अनबन होने का दावा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच जारी अनबन का असर पार्टी में भी देखने को मिल रहा है. इस विवाद को ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक के सहयोगी पार्टी नेताओं के बीच मतभेद के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इन मतभेदों का कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है.

कलाकारों के बहिष्कार का मामला

ममता बनर्जी के बाद पार्टी में दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी कलाकारों के बहिष्कार पर नाराज चल रहे हैं. दरअसल पार्टी के कुछ नेताओं ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में टीएमसी सरकार के रवैये की आलोचना करने वाले कलाकारों के बहिष्कार किया है. लेकिन अभिषेक बनर्जी इस बहिष्कार के पक्ष में नहीं हैं. कोलकाता में एक स्थानीय टीएमसी पार्षद के ज़रिए गायिका लग्नजीता चक्रवर्ती के नए साल की पूर्व संध्या पर होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था.

 सोशल मीडिया पर बहिष्कार का ऐलान

कार्यक्रम रद्द होने के बाद सीनियर प्रवक्ता कुणाल घोष ने 31 दिसंबर को एक्स पर पोस्ट किया कि लोग विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं और कलाकारों को मार्च करने की आजादी है. हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा,'जिन कलाकारों ने जानबूझकर बदनामी की, मुख्यमंत्री, सरकार और पार्टी पर हमला किया, सरकार गिराने की बात कही, तृणमूल समर्थकों का अपमान किया और गलत जानकारी फैलाई, उन्हें तृणमूल नेताओं की तरफ से आयोजित किसी भी मंच पर नहीं देखा जाना चाहिए. उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए.'

'जो सहमत नहीं पार्टी नेतृत्व से सलाह लें'

बात सिर्फ यहीं खत्म नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा,'अगर किसी तृणमूल नेता को कोई संदेह है तो उन्हें वरिष्ठ नेतृत्व से सलाह लेनी चाहिए. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं का सम्मान करें.' ऐसे में साफ दिखाई दे रहा है कि घोष ने उन नेताओं को ममता बनर्जी के पास जाने का रास्ता दिखा दिया है जो बहिष्कार का विरोध कर रहे हैं. 

अभिषेक बनर्जी ने भी पूछे सवाल

इसके बाद घोष पर निशाना साधते हुअ अभिषेक बनर्जी ने कहा है,'क्या किसी ने पार्टी की तरफ से ऐसा कहा? क्या आपने कोई नोटिस देखा है? क्या ममता बनर्जी या मैंने कुछ कहा? मैं किसी को मजबूर नहीं करना चाहता कि वे कहां, किसके साथ या कब गाएंगे. सभी को आजादी है.'

सवाल उठाने पर अभिषेक को मिला जवाब

एक घंटे के अंदर टीएमसी प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा कि 'विरोध और विरोध के नाम पर योजनाबद्ध असभ्यता के बीच अंतर है.' उन्होंने आगे कहा,'टीएमसी कार्यकर्ताओं की अंतरात्मा इस मामले का फैसला करेगी.' घोष ने आगे कहते हैं कि इस संबंध में पार्टी की शीर्ष नेता, अध्यक्ष ममता बनर्जी, जिन्हें इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा हमले और साजिशें झेलनी पड़ी हैं, जो कुछ भी कहती हैं, वही अंतिम शब्द है.'

घोष की टिप्पणी का आखिरी हिस्सा ममता बनर्जी के ज़रिए पिछले महीने कही गई बातों से मेल खाता है. अभिषेक के लिए एक बड़ी भूमिका को लेकर टीएमसी में तनाव के बीच, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी के मामलों में उनका 'अंतिम शब्द' है.

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