Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी रहे चिन्मय दास का केस लड़ रहे वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला हुआ है. रमन रॉय पर यह हमला चट्टोग्राम स्थित उनके घर पर किया गया.
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी रहे चिन्मय दास का केस लड़ रहे वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला हुआ है. रमन रॉय पर यह हमला चट्टोग्राम स्थित उनके घर पर किया गया. जहां हमलावरों ने न सिर्फ उनके घर में तोड़फोड़ की, बल्कि उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया. वकील रमन रॉय की स्थिति गंभीर है और उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
इस्कॉन प्रवक्ता ने की पुष्टि
कोलकाता इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी. उन्होंने कहा, “रमन रॉय का एकमात्र ‘कसूर’ यह था कि वह इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास का कोर्ट में बचाव कर रहे थे. इस्लामवादियों ने उनके घर पर हमला किया और उन्हें मौत के घाट उतारने की कोशिश की. कृपया उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करें.”
Please pray for Advocate Ramen Roy. His only 'fault' was defending Chinmoy Krishna Prabhu in court.
Islamists ransacked his home and brutally attacked him, leaving him in the ICU, fighting for his life.#SaveBangladeshiHindus #FreeChinmoyKrishnaPrabhu pic.twitter.com/uudpC10bpN
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 2, 2024
चिन्मय दास की गिरफ्तारी और हिंदुओं पर हमले
इस्कॉन के पुजारी रहे चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार किया था. उन पर देशद्रोह और हिंदुओं को संगठित करने के आरोप लगाए गए हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं. रिपोर्टों के अनुसार दास की जमानत याचिका खारिज होने के बाद चट्टोग्राम में हिंसा भड़क उठी थी.
इस्कॉन पर सरकारी कार्रवाई
बांग्लादेश में इस्कॉन के खिलाफ सरकारी कार्रवाई भी तेज हो गई है. अधिकारियों ने इस्कॉन के 17 प्रमुख सदस्यों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज कर दिया है. साथ ही, संगठन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग भी जोर पकड़ रही है.
भारतीय सीमा पर इस्कॉन सदस्यों को रोका गया
भारत में धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए बांग्लादेश से आए इस्कॉन के सदस्यों को बेनापोल सीमा पर रोक दिया गया. बांग्लादेशी अधिकारियों ने यह दावा किया कि इन सदस्यों के पास वैध यात्रा दस्तावेज तो थे, लेकिन "विशेष सरकारी अनुमति" की कमी थी.
समुदाय में आक्रोश और चिंता
इस घटना के बाद हिंदू समुदाय में गुस्सा और चिंता का माहौल है. बांग्लादेश में पहले से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं आम रही हैं. अब वकील रामेन रॉय पर हमला इस स्थिति को और गंभीर बना रहा है. यह मामला न केवल बांग्लादेश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है. इस्कॉन के सदस्यों और हिंदू संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और बांग्लादेश सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
हिंदुओं की सुरक्षा पर सवाल
रामेन रॉय पर हमला और चिन्मय दास की गिरफ्तारी से यह सवाल खड़ा हो गया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है. ऐसे हमले यह बताते हैं कि वहां का माहौल हिंदू समुदाय के लिए कितना असुरक्षित है. इस घटना ने न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.