Adampur By Election: हरियाणा के हिसार जिले के आदमपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. इस सीट पर जहां बीजेपी ने एक तरह से अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया वहीं दूसरी तरफ AAP, कांग्रेस और इनेलो के दावेदारों की भी चर्चा हो रही है.
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नई दिल्ली: आदमपुर उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर है. कल से इलेक्शन डेट अनाउंस होने के बाद से हिसार के राजनीतिक गलियारों में आदमपुर की ही चर्चा है. बीजेपी, कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के नामों की चर्चा भी होने लगी है. लोग कयास भी लगा रहे हैं. आदमपुर उपचुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों से यह नाम टिकट की रेस में हैं.
चूंकि आदमपुर विधानसभा सीट एक तरह से कुलदीप बिश्नोई की पारिवारिक सीट है. ऐसे में बीजेपी ने इस सीट पर भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को मैदान में उतारने का मन बनाया है. हालांकि आधिकारिक ऐलान होना बाकी है. इस सीट से कुलदीप बिश्नोई, उनकी पत्नी रेणुका भी चुनाव जीत चुकी हैं. बिश्नोई परिवार की अच्छी खासी पकड़ से इस सीट पर है.
Adampur Seat पर उपचुनाव का एलान, कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी सीट
इस सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा की दिवंगत नेता सोनाली फोगाट ने दावेदारी की थी, लेकिन उन्हें कुलदीप बिश्नोई ने शिकस्त दी थी, कुलदीप बिश्नोई तब कांग्रेस में थे. कुलदीप बिश्नोई ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने आदमपुर विधानसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होने हैं.
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वहीं अब राजनीतिक हल्के में खबर है कि कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अभी तक 4 नाम टिकट के रेस में हैं. इन नामों में पूर्व मंत्री प्रोफेसर संपत सिंह, संपत सिंह के बेटे गौरव, पूर्व मंत्री जयप्रकाश उर्फ जेपी और पूर्व विधायक कुलबीर बेनीवाल. जबकि आम आदमी पार्टी की तरफ से पूर्व उम्मीदवार सतेंद्र सिंह के नाम की चर्चा है. वहीं इस बार इनेलो इस इलाके के पुराने उम्मीदवार कुलदीप बेनीवाल के नाम पर विचार कर रही है. 6 अक्टूबर को पंचकूला में बीजेपी हरियाणा चुनाव समिति की बैठक होगी.
कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस पार्टी और पद से इस्तीफा देने के बाद आदमपुर की सीट खाली हुई थी. जिस पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने का फैसला किया है. यहां 3 नवंबर को वोटिंग होगी और 6 नवंबर को काउंटिंग होगी. खास बात यह है कि 51 साल से इस सीट पर चौधरी भजनलाल के परिवार का कब्जा है. यहीं से जीतकर चौधरी भजनलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई भी यहीं के रास्ते विधानसभा तक पहुंची थीं.