Kisan Andolan 2024: अंबाला पुलिस ने किसान नेताओं पर NSA के तहत कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन अब पुलिस ने अपने फैसले पर रोक लगा दी है. इसी के साथ उन्होंने हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने का अनुरोध करती है.
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Kisan Andolan 2024: अंबाला पुलिस ने किसान नेताओं पर NSA के तहत कार्रवाई की बात कही थी और उनके घरों पर नोटिस तक लगा दिए गए थे, लेकिन कुछ ही देर में पुलिस ने अपने फैसले को वापिस ले लिया है. इस मामले में मीडिया से बात करते हुए अंबाला के ASP पूजा डाबला ने बताया कि अंबाला के कुछ किसान नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा. हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने का अनुरोध करती है.
आंदोलन में हुए नुकसान की भरपाई का किया था ऐलान
हरियाणा पुलिस ने आज कुछ किसान नेताओं के घर के बाहर एक नोटिस लगाया है, जिसमें कहा गया था कि अगर वे चाहें तो पुलिस की अनुमति के बिना इस आंदोलन में भाग न लें. किसी भी आंदोलन में भाग लेने पर पुलिस को सूचित करना होगा और अनुमति लेनी होगी, अन्यथा उनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है और उनके बैंक खाते जब्त किए जा सकते हैं.
किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. गुरुवार देर शाम हरियाणा पुलिस के अधिकारी सूत्र ने बताया कि 13 फरवरी, 2024 से किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर शंभू बॉर्डर पर लगाए गए. बैरिकेड्स को तोड़ने की लगातार कोशिश की जा रही है. मिली जानकारी केमुताबिक पुलिस प्रशासन आकलन कर रहा है कि सरकारी और निजी संपत्ति को कितना नुकसान हुआ है. इस पर प्रशासन कार्रवाई करेगा.
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बता दें कि शंभू बॉर्डर पर आंदोलन के दौरान करीब 30 पुलिस कर्मी घायल हो गए और 1 पुलिस कर्मी को ब्रेन हेमरेज हुआ और 3 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई है. कई किसान नेता राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की कोशिश कर आंदोलन को भड़काने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. इसी के साथ फेसबुक, वाट्सऐप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार भड़काऊ और उत्तेजक भाषण देकर दुष्प्रचार किया जा रहा है.
अधिकारियों और सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आपराधिक गतिविधियों को रोकने और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई अमल में ला रहे हैं ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके.