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Kanya Sumangala Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की थी. इसके बाद देश के कई राज्यों की सरकारों ने इस योजना के तहत अपने राज्यों में अन्य योजनाओं को शुरू किया. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्या सुमंगला योजना को राज्य की बेटियों के लिए शुरू की.
यूपी सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, यह योजना राज्य की महिलाओं और बेटियों का सामाजिक सुरक्षा के साथ नए अवसर को प्रदान करने में मदद करेगी. सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने में मदद मिलेगी, तो वहीं शहर की बेटियों को उच्च शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और योजना आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण के लिए लाभदायक साबित होगा.
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इस योजना को 6 श्रेणियों में लागू किया जाता है
पहली श्रेणीः जिन लड़कियों का जन्म 01-04-2019 या उसके बाद हुआ, उनको 2000 रुपये की एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
द्वितीय श्रेणीः जिन लड़कियों का एक वर्ष के भीतर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका हो और उनका जन्म 01-04-2018 से पूर्व न हुआ हो, उन्हें 1000 रुपये की एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
तृतीय श्रेणीः चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो, तो उन्हें 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
चतुर्थ श्रेणीः चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हो, तो उन्हें 2000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
पंचम श्रेणीः चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नौवीं कक्षा में प्रवेश लिया हो, तो उन्हें 3000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
छठी श्रेणीः जिन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो, तो उन्हें 5000 रुपये एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित की जाएगी.
कन्या सुमंगला योजना के लिए जरूरी शर्तें
1. इस योजना का लाभ उठाने वाला परिवार उत्तर प्रदेश का रहने वाला हो, इसी केसाथ उनके पास स्थायी निवास प्रमाण पत्र हो, जिसमें राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, बिजली, टेलीफोन का बिल होना चाहिए. लाभार्थी की पारिवारिक आय रु 0-3.00 लाख हो.
2. इस योजना के तहत परिवार की दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिलेगा.
3. इस योजना के तहत परिवार में दो ही बच्चे हों.
4. किसी भी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को लाभ अनुमन्य होगा.
5. अगर किसी महिला को पहले प्रसव में बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकायें होती हैं तो तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा.
6. इतना ही नहीं अगर किसी परिवार ने अनाथ बच्ची को गोद लिया है तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकायें इस योजना की लाभार्थी होंगी.