केंद्र सरकार देश में विभिन्न तरह के विकास कार्य करा रही है. इसमें सरकार सबसे ज्यादा ध्यान देश के हर राज्य को कनेक्ट करने के लिए दे रही है. इसके तहत सरकार विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कर रही है. इससे लोग कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार भारत माला योजना के तहत उत्तर प्रदेश को सीधे ट्राईसिटी यानी चंडीगढ़ को सीधे जोड़ने जा रही है. भारत माला योजना के तहत 6 लेन का ग्रीन फील्ड कॉरिडोर शामली से अंबाला तक करीब 110 किलो मीटर लंबा होगा. इसमें अंबाला के साहा, बराड़ा, मुलाना, कैंट क्षेत्र के 56 गांवों के खेतों से यह कारिडोर निकलेगा. रिंग रोड के बाद अब जल्द ही भारत माला योजना के तहत 6 लेन का ग्रीन फील्ड कारिडोर प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है. शामली से अंबाला पहुंचने वाला 6 लेन का ग्रीन फील्ड कॉरिडोर रिंग रोड में आकर मिलेगा.
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इस ग्रीन फील्ड कॉरिडोर को 2024 तक पूरा किया जाना है, जिसको लेकर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस हाईवे को बनाने में करीब 4 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगा. यह हाईवे हरियाणा के लाडवा, जगाधरी, रादौर, सरस्वतीनगर, इंद्री तहसील क्षेत्र से होकर निकलेगा. इस हाईवे हेतू जमीन को अधिगृहित करने के लिए अंबाला, यमुनानगर, करनाल और कुरुक्षेत्र में लैंड मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी तय की गई है. वहीं हाईवे निर्माण से पहले डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए तकनीकी अथॉरिटी के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की है.
इस योजना के तहत एनएचएआई ने हाईवे के बीच में पड़ने वाले वन विभाग, बिजली निगम सहित अन्य सरकारी विभाग को पत्र लिखकर उनकी सरकारी संपत्तियों का ब्योरा मांगा है. इसके लिए NHAI ने यूटीलिटी टीम गठित की है, ताकी हाईवे के बीच में आ रहे इन विभागों की सूक्ष्म और बड़ी इकाई को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने में आने वाली लागत का पता चल सके. इस ब्योरे में वन विभाग को बताना है कि इस हाईवे के रास्ते में कितने पेड़ काटे जाने हैं और बिजली निगम को यह सूचना देनी है कि उनके कितने बिजली के पोल बीच में पड़ रहे हैं.
इस हाईवे को दुर्घटना से मुक्त बनाए जाने के लिए इस पर चलने वाले वाहनों को शुरुआत से गंतव्य तक का ही टोल की टैक्स देना होगा. इससे लोगों को पूरे हाईवे का टोल नहीं देना होगा. 110 किलो मीटर लंबे छह मार्गीय नेशनल हाइवे पर सिर्फ 4 जगह ही वेसाइड एमिनिटी बनाया जाएगा. इसमें पेट्रोल, सीएनजी पंप, शौचालय और रेस्टोरेंट बनाया जाएगा. इसमें शौचालय की सुविधा मुफ्त होगी.
इस हाईवे के पूरा होने के बाद नेशनल हाईवे 44 पर वाहनों का दबाव कम होगा. नेशनल हाईवे 44 पर अभी 5 से 35 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं. ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनने के बाद एनएच 44 से वाहनों का दबाव कम होगा.
इन गांवों के किसानों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
भारत माला योजना के तहत शामली से अंबाला तक करीब 110 किलो मीटर लंबे इस नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा किया जाना है. इसके लिए अब जमीन अधिगृहण करने की तैयारी चल रही है. यह हाईवे अंबाला के विभिन्न गांवों से निकलेगा. यह हाईवे अंबाला छावनी के रामगढ़ उर्फ शरीफपुर, रतनहेड़ी, पिलखनी, कपूरी, भीलपुरा, खुड्डी, साहा के मिट्ठापुर, समलेहड़ी, तेपला, हरियोली, हरड़ा, रामपुर, घसीटपुर, टोबा, हेमा माजरा, पपलौथा, कालपी, नौहनी, मौजगढ़, राजौली, केसरी, छापरा, शेरगढ़, हरड़ी, अकबरपुरा, धुराला, फुलेलमाजरा, सद्दोपुर, पंजोखरा, खारूखेड़ा, बराड़ा के अलावलपुर, फोक्सा, मनू माजरा, तलरेडी रंगरान, दादुपुर, चहल माजरा, सरकपुर, रजौली, राजोखेड़ी, तंदवाल, पट्टी बखेरू, घेलड़ी, अधोया मुसलमान, अधोई, दहिया माजरा, बराड़ा के सज्जन माजरी, थंबड़, कामस, अधोया हिंदवान, कंबासी और तंदवाली गांव के खेतों से होकर बनेगा.