रेवाड़ी में आज दो अलग-अलग जगहों पर दर्दनाक सड़क हादसों की खबर सामने आई है. इस हादसे में 4 लोगों ने अपनी जान गवा दी है. चारों के शव को पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है. बता दें कि इस मामले में रेलवे पुलिस ने रोड़ बनाने वाले कांट्रेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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पवन कुमार/रेवाड़ीः हरियाणा के रेवाड़ी जिले में दो अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत हो गई. पहली घटना में नारनौल रोड़ स्थित निर्माणाधीन बाइपास के फ्लाइओवर के ऊपर से गिरने से बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना में फदनी गांव के पास सड़क किनारे खड़े दो कॉलेज छात्रों को कैंटर ने कुचल दिया, जिसके कारण दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने इन दोनों ही मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. नारनौल रोड़ स्थित बाइपास के निर्माणधीन फ्लाइओवर से गिरने से हुए हादसे की बात करे तो यहां रेवाड़ी नई आबादी निवासी बाहदुर सिंह और खरखौदा निवासी सुंदर लाल दोनों बाइक पर सवार होकर निर्माणधीन बाइपास से महेद्रगढ़ रोड की तरफ से नारनौल रोड़ की तरफ आ रहे थे.
जहां रेलवे लाइन के ऊपर फ्लाइओवर का निर्माण ना होने के कारण दोनों बाइक सहित रेलवे ट्रेक पर आ गिरे, इस हादसे में दोनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो रोड बनाने वाले कांट्रेक्टर ने निर्माणधीन रोड़ को बंद नहीं किया था. अगर फ्लाइओवर के ऊपर जाने के रस्ते को पूरी तरह से बंद किया गया होता तो हादसा नहीं होता. इस मामले में रेलवे पुलिस ने रोड़ बनाने वाले कांट्रेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वहीं दूसरे हादसे में दो कॉलेज छात्रों की जान चली गई. जानकारी के मुताबिक, रोजका गांव का रहने वाला 19 साल का हर्ष और हांसाका गांव का रहने वाला 18 साल का मोहित दोनों कॉलेज छात्र थे. दोनों दोस्त अपने दोस्त से मिलने के लिए फदनी गांव के पास खड़े हुए थे. जहां तेज रफ्तार कैंटर ने दोनों को टक्कर मार दी. इस हादसे में एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे छात्र की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने कैंटर चालक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
फिलहाल दोनों ही मामलों में पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि जितने सड़क हादसे लोगों की लापरवाही से हो रहे है. उससे कहीं ज्यादा हादसे सड़क में खामी की वजह से हो रहे है. टूटी सड़क, निर्माणाधीन सड़क पर सांकेतिक चिन्ह ना लगाने और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में हादसे रोकने के उपाय ना करने के कारण लोगों की जान जा रही है. कहने को तो ये हादसे है, लेकिन खस्ता सिस्टम एक तरह से लोगों की हत्या कर रहा है.