Delhi AIIMS: ट्रांसजेंडर को इलाज और सर्जरी के लिए अब भटकना नहीं पडेगा, AIIMS में खुलेगा Centre for Excellence
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1984034

Delhi AIIMS: ट्रांसजेंडर को इलाज और सर्जरी के लिए अब भटकना नहीं पडेगा, AIIMS में खुलेगा Centre for Excellence

Delhi AIIMS: एम्स में ट्रांसजेंडर लोगों की सर्जरी और इलाज की सुविधाओं को लेकर पहली बार कार्यशाला आयोजित होने जा रही है. सरकार की पहल पर यह केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है. आने वाले 4 महीने में इस केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा. यह पहली बार होने जा रहा है कि ट्रांसजेंडर की सर्जरी और इलाज की पूरी अत्याधुनिक सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध होगी.

Delhi AIIMS: ट्रांसजेंडर को इलाज और सर्जरी के लिए अब भटकना नहीं पडेगा, AIIMS में खुलेगा Centre for Excellence

Delhi AIIMS: एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी ब्लाक में ट्रांसजेंडर लोगों की सर्जरी के लिए एक्सीलेंस केंद्र शुरू होने जा रहा है. केंद्र सरकार की पहल पर एम्स (AIIMS) ने यह केंद्र खोलने की तैयारी की है. करीब चार माह में इस केंद्र का संचालन शुरू हो जाएगा. तब इसमें ट्रांसजेंडर की सर्जरी और इलाज की पूरी अत्याधुनिक सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध होगी. इसलिए ट्रांसजेंडर अपनी जरूरत के अनुसार चेहरे की कास्टमेटिक सर्जरी, स्तन हटाने व लिंग परिवर्तन सर्जरी आसानी से करा सकेंगे.

इसके मद्देनजर एम्स में ट्रांसजेंडर लोगों की सर्जरी और इलाज की सुविधाओं को लेकर पहली बार कार्यशाला आयोजित की गई. ताकि डाक्टरों को प्रशिक्षित किया जा सके. इस कार्यशाला के दौरान एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. मनीष सिंघल ने आगे की योजना की जानकारी दी. इस पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एसोसिएशन फार ट्रांसजेंडर हेल्थ इन इंडिया (ATHI) और अंतरराष्ट्रीय संगठन वर्ल्ड प्रोफेशनल एसोसिएशन फार ट्रांसजेंडर हेल्थ (wpath) के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें अमेरिका से प्लास्टिक सर्जरी के छह विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने अपना अनुभव एम्स के डाक्टरों के साथ साझा किया.

ये भी पढ़ेंः Delhi News: दिल्ली में इस बड़े रेस्क्यू को दिया गया अंजाम, ऐसे बचाई गई कुत्ते का जान

डा. मनीष सिंघल ने कहा कि ट्रांसजेंडर की सर्जरी कई अस्पतालों में होती है. लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए पहले हार्मोन थेरेपी की दवाएं चलती हैं. इसके बाद सर्जरी होती है. इसलिए इलाज में कई विभागों के विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत पड़ती है. कई बड़े अस्पतालों में भी इंडोक्रिनोलाजी के अच्छे डाक्टर नहीं हैं. इस वजह से सर्जरी कराने के इच्छुक ट्रांसजेंडर को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अभी तक कोई ऐसा केंद्र नहीं है जहां एक छत के नीचे ट्रांसजेंडर की जरूरत के अनुसार सर्जरी की सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सके.

इसलिए एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी में पहला एक्सीलेंस केंद्र शुरू किया जाएगा. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) से इस योजना को स्वीकृति मिल चुकी है. इस केंद्र में इंडोक्रिनोलाजी, प्लास्टिक सर्जन सहित तमाम आवश्यक विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहेंगे. इसमें लिंग परिवर्तन सर्जरी के अलावा चेहरे की कास्मेटिक सर्जरी भी होगी. जरूरतमंद ट्रांसजेंडर अपनी इच्छा के अनुसार चेहरे की भी सर्जरी करा सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः Gippy Grewal: सिद्धू मूसेवाला के बाद पंजाब सिंगर गिप्पी ग्रेवाल के घर हमला, बिश्नोकई गैंग ने ली जिम्मेदारी, सलमान की बढ़ाई जाएगी सिक्योरिटी

कार्यशाला के दौरान लाइव सर्जरी व हार्मोन थेरेपी भी की जाएगी. इस कार्यशाला के दौरान दो दिनों में 12 ट्रांसजेंडर की सर्जरी भी होगी. अबीर पराशर ने बताया कि एक वह एक ट्रांस मेन हैं. ट्रांसजेंडर को कई तरह की मानसिक और भावनात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोग उन्हें स्वीकार्य करने के लिए तैयार नहीं होते. लोग इस तरह की सर्जरी को कास्मेटिक सर्जरी कहते हैं, लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अपनी इच्छा के अनुसार स्त्री या पुरुष की पहचान हासिल करने के लिए यह जरूरत होती है.

निजी अस्पतालों में यह सर्जरी इतनी महंगी होती है कि बहुत ट्रांसजेंडर चाहकर भी सर्जरी नहीं करा पाते. फिजियोथेरेपी की पढ़ाई करने वाले अबीर ने कहा कि लोग हमारे स्पर्श से भी घबराते हैं. इसलिए वजह से कहीं फिजियोथेरेपिस्ट की नौकरी नहीं मिल पाई. लिहाजा, फिजियोथेरेपी के विशेषज्ञ के रूप में काम करने का अपना इरादा बदलना पड़ा.

ये भी पढ़ेंः Haryana Weather: मौसम ने ली करवट, विजिबिलिटी हुई Zero, लोगों को गाड़ी चलाने में हो दिक्कत

लेकिन, अभी एक बड़ी दवा कंपनी में मार्केटिंग की नौकरी कर रहे हैं. एम्स जैसे संस्थान में एक्सीलेंस केंद्र शुरू होने पर सर्जरी में आड़े आने वाली आर्थिक बाधा भी बहुत हद तक दूर होंगी. सर्जरी के लिए ट्रांसजेंडर अपना शरीर परिवर्तन कराकर सम्मानजनक जीवन व्यतित कर सकेंगे. साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति लोगों को अपनी सोच और व्यवहार में परिवर्तन करने की जरूरत है.

(इनपुटः मुकेश सिंह)