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Karwa Chauth: अब त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है, हाल ही में गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और अब करवाचौथ का व्रत रखा जाएगा. करवाचौथ का व्रत 13 अक्टूबर को शादीशुदा महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए रखेंगी. शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ खास बातें बताई गई हैं जिनका पालन करना सुहागिनों के लिए जरूरी होता है. करवाचौथ का व्रत सरगी खाकर रखा जाता है. आइए जानते हैं कि सरगी क्या होती है, इस साल सरगी का शुभ मुहूर्त और कुछ खास बातें.
क्या होती है सरगी?
सरगी की थाल में सोलहा श्रृंगार की सभी चीजें, ड्रायफ्रुट्स, फल, मिठाई जैसी चीजें मौजूद होती हैं. सरगी के रूप में हर सास अपनी बहू को सदा सुहागिन रहने और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देती है. सरगी की थाल में रखें खाने को खाकर ही इस व्रत की शुरुआत होती है. अगर किसी भी महिला की सास नहीं है तो जेठानी या बहन भी इस रस्म को अदा कर सकती हैं.
सरगी का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन शुभ माना जाता है और इस साल 4.46 से 5.36 तक ये मुहूर्त है. करवाचौथ के दिन सुर्योदय से पहले 4-5 बजे से पहले सरगी खा लेनी चाहिए, लेकिन इस बात का खास ध्यान दें कि सरगी में तेल मसाले वाला खाना नहीं खाना चाहिए, सिर्फ मीठा,फल आदि खाना चाहिए.
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सरगी की थाल की सामाग्री
श्रृंगार का सामान
करवाचौथ सुहागिनों का त्योहार होता है. इसलिए 16 श्रृंगार इसके लिए अहम होता है. इसमें कुमकुम, बिंदी, पायल, मेहंदी, चूड़ी, लाल साड़ी, काजल, बिछिया, जैसी चीजें शामिल होती है.
फल
सरगी में फलों का सेवन सेहत से अच्छा होता है क्योंकि यह व्रत निर्जला होता है, इस व्रत में कुछ खाया पीया नहीं जाता. इसलिए फलों का सेवन करने से शरीर में ताकत बनीं रहती हैं पूरा दिन अच्छे से बीत जाता है.
मिठाई
किसी भी शुभ काम की शुरुआत मीठे के सेवन से की जाती है. इसलिए सुहागिनों को मीठा जरूर खाना चाहिए. इसका एक साइंटिफिक रीजन भी होता है. किसी तरह का मीठा खाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.
ड्रायफ्रुट्स और नारियल पानी
सुहागिनों को इस व्रत में अन्न और जल का सेवन मना होता है. पूरे दिनभर में पानी और शरीर में ताकत बनाए रखने के लिए इसका सेवन आवश्य होता है.