Exit Poll Results: अरविंद केजरीवाल ने चाय पर चर्चा के बहाने चुनाव नतीजों के बाद की स्थिति पर रणनीति बनाने का फैसला किया है. एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है.
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Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं, लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. एग्जिट पोल के नतीजों ने सभी दलों को बेचैन कर दिया है. खासकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के भीतर हलचल ज्यादा है. अरविंद केजरीवाल ने चुनाव परिणाम से पहले शुक्रवार को अचानक एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें सभी 70 सीटों पर AAP के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक शामिल होंगे. दूसरी ओर कांग्रेस में भी अंदरूनी कलह बढ़ती नजर आ रही है.
सीक्रेट मीटिंग में क्या बन रही है रणनीति?
सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने सुबह 11:30 बजे अपने आवास पर सभी विधायकों और उम्मीदवारों को बुलाया है. इसे सिर्फ एक सामान्य बैठक नहीं माना जा रहा, बल्कि चुनाव परिणाम के बाद की स्थिति पर रणनीति तैयार करने की कोशिश बताई जा रही है. एग्जिट पोल के अनुमान के बाद AAP नेताओं में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी की बढ़त और AAP की हार का संकेत दे रहे हैं. AAP को डर है कि यदि परिणाम एग्जिट पोल की भविष्यवाणी के अनुसार आते हैं और पार्टी बहुमत से दूर रह जाती है, तो बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है. इस बैठक का मकसद विधायकों को एकजुट रखना और आगे की रणनीति तय करना बताया जा रहा है.
कांग्रेस में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस बीच कांग्रेस भी अपने ही नेताओं के बीच कलह में उलझ गई है. कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल ने संदीप दीक्षित पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने चांदनी चौक सीट पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की मदद की. कांग्रेस पहले ही दिल्ली में कमजोर स्थिति में मानी जा रही है, और अब पार्टी के भीतर फूट खुलकर सामने आ रही है. गौरतलब है कि बीजेपी ने गुरुवार को भी एक बैठक बुलाई थी, जिसमें जेपी नड्डा ने दिल्ली के सातों सांसदों के साथ रणनीति बनाई थी. पार्टी एग्जिट पोल के अनुमानों से उत्साहित नजर आ रही है, लेकिन अंतिम नतीजे आने तक हर पक्ष पूरी तरह से सतर्क है.
8 फरवरी को किसके हाथ लगेगी सत्ता की चाबी?
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान हुआ था और अब 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. AAP, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ही दल अपनी-अपनी रणनीतियों में जुट गए हैं. अगर नतीजे त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा करते हैं, तो सियासी जोड़-तोड़ देखने को मिल सकती है. अब देखना होगा कि क्या AAP सत्ता में वापसी कर पाती है या बीजेपी 25 साल बाद दिल्ली में सरकार बनाने में सफल होगी या फिर कोई तीसरा रास्ता निकल सकता है.
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