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Delhi Illegal Colonies: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को आदेश दिया है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में स्थित अनधिकृत कॉलोनियों का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करे. यह निर्देश इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि अनधिकृत कॉलोनियों में सीवेज प्रबंधन की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सही जानकारी की आवश्यकता है.
जानकारी का दायरा
एनजीटी के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड को अनधिकृत कॉलोनियों का स्थान, वहां से निकल रहे सीवेज के पानी की मात्रा और मौजूदा या प्रस्तावित सीवेज नेटवर्क की जानकारी देनी होगी. यह जानकारी एक महीने के भीतर एनजीटी को प्रस्तुत करनी होगी.
समय सीमा
एनजीटी ने डीजेबी को इस कार्य के लिए एक महीने का समय दिया है. इस अवधि के दौरान, डीजेबी को सभी आवश्यक जानकारी एकत्रित करनी होगी और उसे एनजीटी को प्रस्तुत करना होगा .अगली सुनवाई फरवरी में होगी, जहां इस मामले की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
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सुनवाई का विवरण
बुधवार को एनजीटी ने दिल्ली में अपर्याप्त सीवेज शोधन सुविधाओं के मुद्दे पर सुनवाई की. इस दौरान, एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने डीजेबी द्वारा प्रस्तुत एक नई रिपोर्ट पर चर्चा की. रिपोर्ट में उत्पन्न सीवेज जल की मात्रा और उसके शोधन की जानकारी दी गई थी.
कॉलोनियों की संख्या
सुनवाई के दौरान यह बताया गया कि पहले 621 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क नहीं था, जबकि अब यह संख्या घटकर 597 रह गई है. यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
रिपोर्ट पर नाराजगी
हालांकि, पीठ ने रिपोर्ट में दी गई डिटेल्स पर नाराजगी जाहिर की है. सुनवाई के दौरान पीठ ने दी गई जानकारी को अपर्याप्त बताया और डीजेबी से अधिक विस्तृत जानकारी की मांग की है. बुधवार को हुई सुनवाई में एनजीटी ने डीजेबी को अनधिकृत कॉलोनियों और उनसे निकल रहे सीवेज के पानी के साथ-साथ इन कॉलोनियों के लिए प्रस्तावित नेटवर्क की जानकारी देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी, जहां डीजेबी को अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करनी होगी.