Trading News: जेल में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जघन्य मामलों के कैदियों को अब जेलों के बजाय घर में कैद किया जाएगा. इसके लिए सरकार जीपीएस-सक्षम ट्रैकिंग उपकरणों का इस्तेमाल करेगी.
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Trading News: देशभर क्राइम का ग्राफ बढ़ने के साथ क्रिमिनलों की संख्या तेजी के साथ बड़ रहा है. इस बीच जेल में रह रहे कैदियों की संख्या को कम करने के लिए ओडिशा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जघन्य मामलों के कैदियों को अब जेलों के बजाय घर में कैद किया जाएगा. इसके लिए सरकार जीपीएस-सक्षम ट्रैकिंग उपकरणों का इस्तेमाल करेगी.
इतना ही नहीं शरीर पर जीपीएस लगाकर कैदियों की निगरानी करने वाला ओडिशा पहला राज्य होगा. इस योजना से जेलों में कैदियों की भीड़ कम होगी और सरकार का कैदियों पर होने वाले खर्चों से भी बचा जाएगा. इससे पहले इस तरह के डिवाइस का इस्तेमाल अमेरीका में भी किया जाता है.
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कैदियों से वसूला जाएगा खर्चा
जानकारी के मुताबिक, कैदियों से पूछा जाएगा कि वो जेल में रहना चाहते हैं या फिर जमानत पर जाना चाहते हैं. अगर वो जमानत पर जाने का फैसला लेते हैं तो ट्रैकिंग उपकरण को अनिवार्य बनाया जा सकता है. डिवाइस सरकार खरीदकर नहीं देगी. डिवाइस कैदी ही खरीदेंगे. जेलों में खतरनाक अपराधियों की आवाजाही नियंत्रित करने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है. भारत के अधिकतर जेलों में कैदियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. देश की कई जेलों में डेढ़ से दो गुना कैदियों को ठूंसकर रखा जाता है.
कैदियों के लिए GPS डिवाइस कितनी प्रभावी
बता दें कि GPS मॉनिटरिंग एक प्रभावशाली तकनीक है, लेकिन इसमें भी कुछ कमियां हैं. GPS आपको ये जानकारी नहीं देगी की कैदी क्या कर रहा है. इस डिवाइस के जरिए आप कैदी की लोकेशन का पता लगा सकते हैं. संदेह है कि कैदी का डेटा डिवाइस में रखा जाएगा, उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.