Agni Prime Testing: रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' परीक्षण के दौरान अपने उद्देश्यों में सफल रहा है. बता दें कि इस महाविनाशक मिसाइल का परीक्षण ओडिशा (Odisha) के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (Dr. APJ Abdul Kalam Island) से किया गया था.
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DRDO New Testing On Agni Prime: भारत के अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense Research and Development Organization-DRDO) ने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' (New Generation Ballistic Missile Agni Prime) का सफल परीक्षण किया है. इस महाविनाशक मिसाइल का परीक्षण ओडिशा (Odisha) के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (Dr. APJ Abdul Kalam Island) से किया गया. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि मिसाइल का परीक्षण अपने उद्देश्यों में सफल रहा है.
दुश्मन देश की हालत होगी खराब
मंत्रालय के अनुसार बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' के तीन सफल डेवलेपमेंट टेस्टिंग के बाद यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च (Pre-Induction Night Launch) था, जो सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता की पुष्टि करता है. मंत्रालय ने आगे कहा कि यह परीक्षण 7 जून की रात में किया गया है. रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (Radar, Telemetry and Electro Optical Tracking System) जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन को दो डाउन-रेंज जहाजों सहित अलग-अलग स्थानों पर टर्मिनल बिंदु पर तैनात किया गया था, ताकि उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके. डीआरडीओ (DRDO) और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस परीक्षण को देखा. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी.
ड्रैगन की चालबाजी नहीं आएगी काम!
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण में शामिल होने वालों की सराहना की. आपको बता दें कि भारत स्वदेशी हथियारों पर रोज दे रहा है जो देश के सुरक्षा के लिहाज से बहुत जरूरी है. भारत का पड़ोसी मुल्क चीन दिन प्रतिदिन भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के इलाकों पर अपना दावा करता रहता है. इसके अलावा रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रैगेन तेजी से सीमावर्ती इलाकों में अपने सैन्य ठिकाने बसा रहा है. इस वजह से भारत को सीमा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने हथियारों को अपडेट करने पर काम करना चाहिए. इसके अलावा हमें चीन की चालबाजी से सतर्क रहने की जरूरत है. रक्षा क्षेत्र में DRDO द्वारा किया गया यह परीक्षण काफी अहम माना जा रहा है.
(इनपुट: एजेंसी)