Jitendra Pandey Money Fraud: महाराष्ट्र से एक बड़ा गोरखधंधा पकड़ा गया है. जितेंद्र पांडे नाम का शख्स कुछ सीए और हवाला डीलरों की मदद से 10 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी करने में कामयाब हो गया. इसने हॉन्ग कॉन्ग, थाईलैंड जैसे देशों में चीन से सामान इंपोर्ट करने के नाम पर पैसे भेजे. इसने ढाई सौ से ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे.
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क्या आप सोच सकते हैं कि कोई आम आदमी 2-4 नहीं बल्कि 100 के करीब कंपनियां बना लेगा? यही नहीं, 250 से ज्यादा बैंक खाते खोलेगा? महाराष्ट्र में ऐसे ही एक शख्स के काले कारनामे का पर्दाफाश हुआ तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम हैरान रह गई. ठाणे के इस शख्स ने ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने के लिए मुखौटा कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये कई बार घुमाए. आखिर में उसे देश से बाहर भेज दिया. इस खेल का मास्टरमाइंड जितेंद्र पांडे अब सलाखों के पीछे है.
छापेमारी में पता चला राज़
जी हां, ईडी ने CA और हवाला ऑपरेटरों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. इन लोगों ने हाल के कुछ वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा काला धन देश से बाहर भेजा है. इसी साल 2 जनवरी को ठाणे, मुंबई और बनारस में छापेमारी के दौरान डिजिटल और दूसर दस्तावेज ईडी ने बरामद किए हैं, जिससे आरोपी के मंसूबे का पता चला. छापेमारी में 1 करोड़ रुपये मूल्य का कैश और गहना बरामद किया गया.
जितेंद्र पांडे है मुख्य आरोपी
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया है कि मुख्य आरोपी जितेंद्र पांडे ने ब्लैक मनी को सफेद बनाने के लिए 98 से ज्यादा शेल कंपनियां और 269 बैंक खाते खोले और पैसे सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और थाईलैंड भेजे. ईडी ने कहा, 'जांच में RTGS एंट्री ऑपरेटरों के एक नेटवर्क का पता चला है, जो धन के सोर्स को छिपाने के लिए मुखौटा कंपनियों के जरिए कई बैंक खातों में पैसा इधर-उधर करते थे. आखिर में उसे साझेदारी फर्मों के खातों में पहुंचा देते थे.'
चीन कनेक्शन भी
ईडी ने बताया कि कई बैंक खातों में लेनदेन के बाद आरोपी ने 12 प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में पैसा भेजा फिर इसे विदेश ट्रांसफर कर दिया. खास बात यह है कि चीन से वस्तुओं के आयात के लिए भुगतान करने के नाम पर फंड देश से बाहर भेजा गया था. शेल कंपनियों को 'माल ढुलाई और रसद' के बिजनस से जुड़ा बताया गया और माल ढुलाई शुल्क की आड़ में विदेश में मोटा पैसा भेजा गया.
एजेंसी ने कहा, 'कंपनियों को इस तरह चलाने और ROC फाइलिंग (Registrar of Companies) जैसे नियामकों का पालन करने में कई सीए ने आरोपी की मदद की.' ईडी ने पांडे और दूसरे लोगों के खिलाफ ठाणे पुलिस की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू कर दी है.
एजेंसी ने दावा किया कि पांडे और अन्य लोग फर्जी संस्थाओं के नाम पर खोले गए बैंक खातों के नेटवर्क के माध्यम से माल ढुलाई शुल्क की आड़ में तीन देशों में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा भेजने के आरोपी हैं. पांडे और कुछ अन्य आरोपियों को ठाणे पुलिस ने पिछले साल गिरफ्तार किया था.