J-K Election: 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद से अब तक वहां चुनाव नहीं हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं.
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Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराए जाने को लेकर अब चुनाव आयोग ने भी कमर कस ली है. शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, 'हम जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें यकीन है कि जम्मू-कश्मीर के लोग बांटने वाली ताकतों को करारा जवाब देंगे.' जम्मू-कश्मीर में सभी दल जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं.
चुनाव आयोग का यह बयान तब आया है जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर में चुनाव आयोग का दो दिवसीय दौरा संपन्न हुआ. इस दौरे के दौरान आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की, जिनमें सभी दलों ने जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए जल्द चुनाव कराने के निर्देश
गौरतलब है कि 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद से अब तक वहां चुनाव नहीं हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मई 2022 में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन (डेलिमिटेशन) की प्रक्रिया पूरी की गई थी, जिसके बाद लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं. उन्होंने कहा, 'अब समय आ गया है कि विधानसभा चुनाव कराकर लोगों को उनकी सरकार दी जाए.'
राजीव कुमार ने लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की भारी भागीदारी और चुनाव आयोग की तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में भी नए रिकॉर्ड बनाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनावों में मतदाताओं ने बड़े उत्साह से हिस्सा लिया, और हम उसी मापदंड से आगे बढ़कर विधानसभा चुनावों को सफल बनाएंगे.'
'आतंकी हमले के खतरे से नहीं रोक सकते प्रक्रिया'
मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के बावजूद चुनाव कराने की तैयारियों पर जोर देते हुए कहा, "जब अच्छे परिणाम आते हैं, तो कुछ शरारती तत्वों को तकलीफ होती है, लेकिन हम चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. किसी भी आतंकी हमले या खतरे से चुनाव प्रक्रिया को नहीं रोका जा सकता."
जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, और 20 अगस्त को मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा. चुनाव आयोग ने सभी दलों की मांगों को ध्यान में रखते हुए चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का आश्वासन दिया है.