Electoral Bond Case Hearing: इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सार्वजनिक हो गया है. सीलबंद लिफाफे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेटा की ऑरिजनल कॉपी चुनाव आयोग को वापस दी जाएगी.
Trending Photos
ECI New Plea Supreme Court Hearing: इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) से पर्दा उठ गया है. चुनाव आयोग (ECI) की वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा अपलोड कर दिया गया है जिससे साफ हो गया है कि किस पार्टी को कितना चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला है. सुप्रीम कोर्ट में आज बात एक और सीलबंद लिफाफे पर हुई. दरअसल, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की थी और कोर्ट से मांग की थी कि वह अपने 11 मार्च के आदेश में संशोधन करे. आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
चुनाव आयोग को वापस मिलेगा सीलबंद लिफाफा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग का जो डेटा अदालत के पास है, उसको स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार रखेंगे. रजिस्ट्रार कल तक ये काम करेंगे. ऑरिजनल डेटा उसके बाद चुनाव आयोग को सौंप दिया जाएगा ताकि आयोग वो भी अपनी वेबसाइट पर डाल सके.
सीलबंद लिफाफा क्यों चाहता है ECI?
चुनाव आयोग का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के मद्देनजर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा कुछ डेटा सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपा था. चुनाव आयोग ने गोपनीयता बरकरार रखने के लिए इसकी कोई कॉपी अपने पास नहीं रखी थी. ऐसे में अब ये पूरा ब्योरा ECI की वेबसाइट पर डालने के लिए चुनाव आयोग को चाहिए. इसके लिए चुनाव आयोग कोर्ट से सीलबंद लिफाफा वापस मांग रहा है.
चुनाव आयोग ने क्यों नहीं रखी दस्तावेज की कॉपी?
चुनाव आयोग ने नई याचिका में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि इस अदालत के सामने चुनाव आयोग की तरफ से दाखिल डिटेल की कॉपी चुनाव आयोग के दफ्तर में रखी जाएंगी. मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग की तरफ से दाखिल किए गए दस्तावेजों की कोई भी कॉपी उसके पास कभी नहीं रखी गई. ऐसा गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया गया.
इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला क्या है?
गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया था कि वह 12 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल दे. और फिर 15 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना था. अब समय से पहले ही चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर चुका है.