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Photo: एक गलती और खत्म हो जाएगा ये देश! अगले 75 सालों में 58 लाख लोगों की मौत का डर, जानें पूरी कहानी

Climate Change new Study: कई बार हमारे सामने ऐसी वैज्ञानिक भविष्यवाणियां आती हैं, जिनकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होती. ऐसी ही एक रिसर्च इन दिनों चर्चा में है, जहां London School of Hygiene and Tropical Medicine ने दावा किया है कि 2099 तक जलवायु परिवर्तन के कारण *58 लाख* लोगों की मौत हो सकती है.

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आजकल इंसानों के भविष्य के बारे में कई तरह की भविष्यवाणियां सामने आ रही हैं. इनमें से कुछ भविष्यवाणियां बहुत ही चिंताजनक हैं जो हमारी सोच को गहरे तक प्रभावित करती हैं ये भविष्यवाणियां केवल ज्योतिषियों द्वारा नहीं, बल्कि वैज्ञानिकों के शोध और अध्ययनों पर आधारित होती हैं. वैज्ञानिक अपने शोध के माध्यम से इस बात की संभावना जताते हैं कि आने वाले समय में क्या हो सकता है.

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हाल ही में एक ऐसी वैज्ञानिक भविष्यवाणी सामने आई है, जिसे सुनकर पूरी दुनिया हैरान हो गई है. यह भविष्यवाणी यूरोप के बारे में है, जिसमें कहा गया है कि अगले 75 सालों में वहां करीब 58 लाख लोगों की मौत हो सकती है. यह एक गंभीर चेतावनी है जो इंसानों की जीवनशैली और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं पर आधारित है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कुछ जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो यह भविष्यवाणी सच हो सकती है.

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अंग्रेजी वेबसाइट डेली स्टार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, London School of Hygiene and Tropical Medicine के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. उनके अध्ययन में कहा गया है कि साल 2015 से 2099 के बीच यूरोप में 58 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है. 

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इस भयानक तबाही के पीछे का सबसे बड़ा कारण इंसानों की खुद की लापरवाही होगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हमने अभी से सावधानी नहीं बरती, तो आने वाले वर्षों में इसका गंभीर असर देखने को मिलेगा. यह भविष्यवाणी सिर्फ एक अनुमान नहीं, बल्कि हमारे लिए एक चेतावनी है, जिससे हमें सतर्क होने की जरूरत है.

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इस शोध में उन मौतों का जिक्र किया गया है, जो क्लाइमेट चेंज यानी मौसम में बदलाव की वजह से होंगी. हैरानी की बात यह है कि इसका असर सिर्फ गर्मी में ही नहीं, बल्कि सर्दियों में भी देखने को मिलेगा.  

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रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली मौतों में गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या ठंड से होने वाली मौतों से कहीं ज्यादा होगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में बढ़ोतरी से हीटवेव और अन्य प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी, जिससे लोगों के जीवन पर गहरा असर पड़ेगा.

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इस रिसर्च के चीफ राइटर Dr. Pierre Masselot ने कहा कि यह रिपोर्ट इसलिए जारी की गई है, ताकि क्लाइमेट चेंज और बढ़ती हुई गर्मी को लेकर दुनिया तुरंत इसके उपाय करने में लग जाए.

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इस बात पर भी जोर दिया गया है कि बार्सिलोना वह जगह होगी, जहां गर्मी से सबसे ज्यादा मौतें होंगी. इसके बाद रोम, नेपल्स और मैड्रिड का नंबर आता है, जहां आने वाले समय में क्लाइमेट चेंज का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा. इस रिसर्च में यूरोप के कुल 854 शहरों को शामिल किया गया है. 

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Dr. Pierre Masselot ने अपनी रिसर्च के अंत में लिखा कि अगर हम लोगों ने इस पर अभी से काम करना शुरू नहीं किया तो 5,825,746 लोग अपनी जान गंवा देंगे. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह चेतावनी सिर्फ यूरोप के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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