Nipah Virus Bangladeshi variant: केरल में निपाह वायरस के छठे मामले की पुष्टि हो चुकी है. इन सबके बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बांग्लादेशी वेरिएंट के सामने आने की बात कही है. यहां पर हम बताएंगे कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है.
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Nipah virus Latest News: केरल में निपाह वायरस के छठे केस के सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है. नया केस भी कोझिकोड से आया है. केरल में अब तक दो लोगों की मौत हुई है. केरल में निपाह(kerala nipah virus) केस आने के बाद कर्नाटक अलर्ट हो गया है. केरल से लगे जिलों में खास ऐहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इन सबके बीच केरल सरकार ने आम लोगों को एडवायजरी जारी कर अनावश्यक यात्राओं से बचने के लिए कहा है. निपाह वायरस पर काबू पाने के लिए आईसीएमआर, एनआईवी पुणे स्ट्रेन पर अध्ययन कर रहे हैं इन सबके बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि निपाह वायरस का बांग्लादेश वेरिएंट से कनेक्शन है.
क्या है Nipah
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस फल चमगादड़ों(Fruit bats) की वजह से होता है. यह मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी संभावित रूप से घातक है. निपाह वायरस (NIV) के संक्रमण से हल्की से लेकर गंभीर बीमारी हो सकती है जिसमें मस्तिष्क में सूजन भी शामिल है.अगर उचित समय पर इलाज नहीं मिला तो मौत की आशंका बढ़ जाती है. वायरस के संपर्क में आने के बाद लक्षण आम तौर पर 4-14 दिनों में दिखाई देते हैं. संक्रमण को रोकने या ठीक करने के लिए कोई टीका नहीं है जिसकी वजह से मृत्यु दर करीब 70 फीसद है. सामान्य उपचार सहायक देखभाल प्रदान करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक संक्रमित लोगों में शुरुआत में बुखार, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण विकसित होते हैं।
बांग्लादेश वेरिएंट से कनेक्शन
बांग्लादेश वेरिएंट इंसानों से इंसानों में फैलता है.
इसकी वजह से ब्रेन को नुकसान पहुंचता है.
संक्रमण की वजह से मौत की आशंका ज्यादा होती है.
बांग्लादेशी वैरिएंट की वजह से मौत की दर 70 फीसद है.
निपाह वायरस महामारी का भी रूप ले सकता है.
फिलहाल बांग्लादेशी वैरिंएंट्स की संक्रामता कम है.
कर्नाटक में चौकसी
केरल में निपाह केस में बढ़ोतरी के बाद कर्नाटक सरकार ने अपने नागरिकों को केरल ना जाने की सलाह दी है. खासतौर से कोडागू, मैसूर, चामराजनगर और दक्षिण कन्नड़ जिले के लोगों से कहा गया है कि वो केरल जाने से परहेज करें. इसके साथ ही केरल से लगे जितने भी एंट्री प्वाइंट्स हैं हर जगह सतर्कता बढ़ा दी गई है. कर्नाटक सरकार ने कहा कि बचाव ही इस खतरे से निपटने का उपाय है लिहाजा सरकार पूरी तरह सतर्क है.