Brij Bhushan Singh: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में विवाद गहराता जा रहा है. हाल ही में जब बृजभूषण सिंह से पद छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने आपा खो दिया.
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Brij Bhushan Singh: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में विवाद गहराता जा रहा है. हाल ही में जब बृजभूषण सिंह से पद छोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने आपा खो दिया. एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने पद छोड़ने के सवाल पर गुस्से में आकर कहा कि क्या मैंने शिलाजीत की रोटी खाई है.
बता दें कि बृजभूषण सिंह पर सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. सिंह ने इन सभी पहलवानों के आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि जो पहलवान उनका विरोध कर रहे हैं, वे 'पीड़ित' हैं और उनका आंदोलन 'राजनीति से प्रेरित' है.
पद छोड़ने की बात पर बृजभूषण ने कहा, "पहले, वे कह रहे थे कि मैंने 100 बच्चों का यौन शोषण किया. फिर उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि यह 1,000 बच्चों के साथ हुआ है. क्या मैंने शिलाजीत की रोटी खाई है?
उन्होंने यह भी पूछा कि ओलंपियन पिछले 12 साल से खामोश क्यों हैं. वे किसी के कहने पर ये सब कर रहे हैं. 12 साल से इनकी जुबान क्यों बंद थी. पहलवान 12 साल से चुप क्यों थे. उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और एक कारोबारी ने उनके खिलाफ साजिश रची है. उन्होंने कहा कि कुछ सीमाएं हैं.. एक मर्यादा है इसलिए मैं कुछ नहीं बोल रहा हूं.
इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि देश के शीर्ष पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण पिछले चार महीने से खेल की सभी गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं. वह फांसी के लिए तैयार हैं लेकिन कुश्ती की गतिविधियां नहीं रुकनी चाहिए क्योंकि इससे कैडेट और जूनियर पहलवानों को नुकसान हो रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)