अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तबीयत नाजुक बताई जा रही है. पाकिस्तान में कथित तौर पर अस्पताल के बेड पर पड़ा दाऊद इब्राहिम कैसे अंडरवर्ल्ड का राजा बन गया? यह सवाल भी जरूर आपके मन में होगा. आईजी के पद से रिटायर्ड आईपीएस सुधाकर सुराडकर (Retired IPS Sudhakar Suradkar) ने इस सवाल का जवाब दिया है...
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Dawood Ibrahim News: एक वक्त था जब 'डी कंपनी' की दहशत दुनिया के कई मुल्कों में थी. इसी 'डी कंपनी' (D- Company) का सरदार था दाउद इब्राहिम. अंडरवर्ल्ड की दुनिया में कभी दाऊद इब्राहिम का सिक्का चलता था लेकिन आज यह दहशतगर्द पाकिस्तान के अस्पताल में भर्ती है. दाऊद की तबीयत नाजुक बताई जा रही है. खबरों की मानें तो दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) को मारने के लिए कथित तौर पर किसी ने उसे जहर दे दिया.
कैसे बना अंडरवर्ल्ड का किंग?
आज अस्पताल के बेड पर पड़ा दाऊद इब्राहिम कैसे अंडरवर्ल्ड (Underworld Don) की काली दुनिया पर राज करने लगा था? यह सवाल भी जरूर आपके मन में होगा. आईजी के पद से रिटायर्ड आईपीएस सुधाकर सुराडकर (Retired IPS Sudhakar Suradkar) ने इस सवाल का जवाब दिया है. पूर्व इंटेल अधिकारी से सवाल किया गया कि आखिर किस घटना के बाद दाऊद भारत से परिवार समेत भाग गया था और कैसे उसे भारत से भागने में कामयाबी मिल गई?
कैसे भारत से भाग निकला दाऊद?
इस सवाल पर सुधाकर सुराडकर ने जवाब दिया कि मैंने दाऊद को ज्यादा नहीं देखा. हालांकि, उसके पहले जो डॉन आए जैसे करीम लाला... उन्हें करीब से देखा है. दाऊद इब्राहिम के पिता क्राइम ब्रांच में हेड कांस्टेबल थे जिन्हें पुलिस में जीरो नंबर का अधिकारी कहा जाता है. इसलिए दाऊद इब्राहिम ने बहुत पहले से ही पुलिस को नजदीक से देखा था और उनसे अच्छी दोस्ती भी रही है.
कैसे फैला दाऊद इब्राहिम का नाम?
'पठान गैंग' को खत्म करने के बाद दाऊद इब्राहिम का नाम काफी चर्चा में था. सुधाकर सुराडकर आगे कहा कि उसके पुलिस और पॉलिटिक्स दोनों में ही बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन मैं उनका नाम नहीं लूंगा. हालांकि, बाकी लोग समझेंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूं.
किसने की दाऊद की मदद?
दाऊद पुलिस का पहले भी दोस्त था और आज भी उसके पुलिस में कई दोस्त हैं. उसकी दो ताकत थी. पहले पुलिस वाले और दूसरे पॉलीटिशियन. पूर्व पुलिस अधिकारी सुधाकर सुराडकर ने बताया कि शुरुआती दौर में दाऊद भारत के खिलाफ नहीं था. उसने पाकिस्तान से आने वाले कई घुसपैठियों की जानकारी इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट को दी थी.
सुधाकर सुराडकर ने दी अहम जानकारी
सुधाकर सुराडकर ने बताया कि जब देश में आयोध्या का विवादित ढ़ाचा गिराया गया, तब इसके बाद जो परसेप्शन क्रिएट हुआ, अब वह परसेप्शन सही है या गलत इस पर हम नहीं जाएंगे लेकिन देश में एक माहौल बना, जिसमें मुसलमान को लगा कि उन्हें अपनी रक्षा खुद करनी होगी. फिर दाऊद का रोल शुरू होता है. इसके बाद देश में बम ब्लास्ट हुए जिसमें दाऊद और उसके साथियों का अहम रोल रहा है.
दाऊद का देश में रहना मुश्किल
सुधाकर सुराडकर ने आगे बताया कि मुबंई बम ब्लास्ट के बाद दाऊद का देश में रहना बिल्कुल मुश्किल था. उसके जो सबसे करीबी थे, उसमें पुलिस वाले और पॉलिटिशियन भी थे. अयोध्या का विवादित ढ़ाचा गिरने के बाद जो हुआ, उसके बाद दोनों का ही सपोर्ट उसके पास से चला गया. जब विवादित ढ़ाचा गिराया गया. उसमें मुंबई का कोई लेना-देना नहीं था. कई लोगों को तो पता भी नहीं था, लेकिन जब बम ब्लास्ट हुआ. इसके बाद भी बहुत ज्यादा गड़बड़ नहीं हुई थी, लेकिन कहीं न कहीं यह बात कहनी होगी कि पुलिस ने फेयर और इंपार्शियल डिसीजन नहीं लिया.
गैंग के हो गए टुकड़े
अयोध्या में विवादित ढ़ाचा गिरने के बाद दाऊद गैंग (Dawood Gang) में हिंदू और मुस्लिम दोनों अलग-अलग हो गए. अगर जाति और धर्म के नाम पर हम बटेंगे तो पाकिस्तान उसका फायदा जरूर उठाएगा. जब बम ब्लास्ट हुआ तो उसका आरडीएक्स (RDX) रायगढ़ में आया था. वहां पर जो लोग इसे स्मगल कर रहे थे, उन्हें पता भी नहीं था कि वह क्या स्मगल कर रहे हैं! इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया.
ऐसे देश छोड़कर भाग गया दाऊद
पूर्व पुलिस आधिकारी ने आगे कहा कि अयोध्या का विवादित ढ़ाचा गिरने के बाद देश में जो माहौल बना और बम ब्लास्ट (Mumbai Blast) की घटना के बाद दाऊद और उसके परिवार का देश में रहना सुरक्षित नहीं था. पुलिस और पॉलिटिकल कनेक्शंस की मदद से दाऊद ने देश छोड़ दिया.
(इनपुट: साकेत राय)