Cyber Attacks on India: दुश्मनों ने भारत पर हमले के लिए अब साइबर अटैक को नया हथियार बना लिया है. इनमें देश के बाहर और अंदर छुपे दोनों तरह के दुश्मन शामिल हैं. ऐसे दुश्मन संस्थाओं के सर्वर क्रैश कर लोगों का डेटा चुराने में लगे हैं.
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Increasing cyber attacks on India: भारत के सबसे नामचीन अस्पताल AIIMS दिल्ली के सर्वर पर साइबर अटैक हुए 10 दिन बीत चुके हैं. इसके बाद से अभी तक AIIMS का सारा कामकाज मैन्युअल मोड में चल रहा है. लेकिन भारत के दुश्मनों की आंख सिर्फ AIIMS के डेटा पर ही नहीं है. यह बात Zee News की Exclusive इन्वेस्टीगेशन में सामने आई है. AIIMS दिल्ली पर 23 नवंबर को साइबर हमले के बाद हमारी टीम ने इंटरनेट पर मौजूद लगभग सभी डार्कवेब पर जाकर Cyber INVESTIGATION की और अपनी पड़ताल के दौरान हमने हमारे सामने आया कि एक डार्कवेब पोर्टल पर हैकर ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार के GST विभाग का डेटा लीक किया है.
महाराष्ट्र GST विभाग का डेटा हुआ लीक
इस डेटा लीक में महाराष्ट्र के GST विभाग के बड़े बड़े अफसरों का मोबाइल नंबर, आधिकारिक ईमेल आईडी और VPN आईडी लीक कर पोस्ट की गई थी. महाराष्ट्र के GST विभाग के अफसरों का डेटा लीक करने वाले हैकर ने डार्कवेब पर यह भी दावा किया कि उसके पास इन अफसरों के VPN का ACCESS भी है यानी पासवर्ड भी है. अगर कोई व्यक्ति सारा सेंसिटिव डेटा खरीदना चाहता है तो उससे सम्पर्क करें.
डेटा चोरी से संस्थाओं को बड़ा खतरा
साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के पास किसी सरकारी विभाग के VPN का ACCESS आ जाये तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. ज्यादातर सरकारी और बड़ी प्राइवेट संस्थाए अपने कंप्यूटरों को VPN से कनेक्ट रखती हैं, जिससे उनका डेटा उनके सर्वर से बाहर ना जा पाए. साथ ही एक SECURE CONNECTION बना रहे, जिससे बाहर का कोई भी व्यक्ति ना उनके सर्वर में घुस पाए और ना ही कोई हैकर उनके सर्वर पर साइबर अटैक करके हैक कर पाए. अगर किसी व्यक्ति के पास किसी संस्था के VPN का ACCESS आ जाता है यानी VPN की यूजर ID और पासवर्ड तो वो थोड़ी सी कोशिश करके पूरे सर्वर को ध्वस्त कर सकता है, जैसा कि AIIMS दिल्ली में 23 नवंबर को हुआ था.
इसी डार्कवेब को जब हमने और खंगाला तो हमारे सामने आया कि एक हैकर ने तमिलनाडु में त्रिपुर के बड़े प्राइवेट अस्पताल के डेढ़ लाख से ज्यादा मरीजों का डेटा बेचने के लिए पोस्ट कर रखा है. इस डेटा की कीमत हैकर ने 8 हज़ार रुपयों से लेकर 32 हज़ार रुपयों तक लगाई है. "SENSITIVE INDIA MEDICAL HOSPITAL DATA" नाम से हैकर द्वारा बेचे जाने वाले इस डेटा में मरीजों के मोबाइल नंबर, पता, जिस डॉक्टर से वो इलाज करवा रहे हैं उसका नाम शामिल है.
सरकारी मंत्रालयों के ट्विटर अकाउंट भी हुए हैक
बताते चले कि कल ही भारत सरकार के दो ट्विटर हैंडल हैकरों के कब्जे में आ गए थे. भारत सरकार का जल शक्ति मंत्रालय और स्वच्छ भारत मिशन के ट्विटर एकाउंट पर कल सुबह हैकरों ने कब्जा कर लिया था और उससे क्रिप्टो करेंसी के लिए ट्वीट किए जाने लगे थे. हालांकि बाद में फिर से दोनो एकाउंट को रिकवर कर लिया गया था लेकिन तब तक दर्जनों ट्वीट किए जा चुके थे. ट्विटर एकाउंट को हैक करने का यह सिलसिला नया नही है. इससे पहले भी 8 महीने पहले 9 अप्रैल और 10 अप्रैल को तीन बड़े सरकारी ट्विटर एकाउंट पर हैकरों ने कब्जा कर लिया था, जिसमें उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री कार्यालय का ट्विटर एकाउंट, भारत सरकार के मौसम विभाग का ट्विटर एकाउंट और UGC का ट्वीटर हैक हुआ था. उनके जरिए भी हैकरों ने Crypto Currency के समर्थन में ट्वीट किए थे.
अमेरिका के बाद भारत पर सबसे ज्यादा हमले
भारत पर साइबर हमलों की बात करें तो इसी साल जुलाई में भारत सरकार ने लोकसभा में बताया था कि भारत पर 2019 से लेकर जून 2022 तक 36 लाख 29 हज़ार से ज्यादा साइबर अटैक हुए थे. इस लिहाज से देखें तो भारत पर हर महीने 86 हज़ार 404 से ज्यादा साइबर हमले होते हैं. यानी प्रति दिन 2 हज़ार 880 से ज्यादा. अमेरिका के Ponemon Institute और Verizon के अनुमान के मुताबिक पूरे विश्व मे सबसे ज्यादा हमले स्वास्थ्य सेक्टर झेलता है.
इसी वर्ष सितम्बर में साइबर सिक्योरिटी कंपनी cloudsek द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत का स्वास्थ्य सेक्टर विश्व में साइबर हमले के मामले में दूसरे स्थान पर हैं. जहां अमेरिका के स्वास्थ्य सेक्टर के बाद सबसे ज्यादा साइबर हमले भारत के स्वास्थ्य सेक्टर पर होते हैं. ऐसे में आज जरूरत है कि भारत साइबर हमलों के खिलाफ ना सिर्फ एक कड़ा कदम उठाए बल्कि साइबर हमलों को आतंक घोषित करें क्योंकि यह भी देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए आज के दौर में बड़ा खतरा हैं.
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