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नई दिल्ली: रूस के सैन्य अभियान से पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान लगातार जारी है. इस बीच रूस (Russia) के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि यूक्रेन के अधिकारियों ने भारतीय छात्रों के एक बड़े समूह को जबरन हिरासत (Ukraine Hostage Indian Students) में लिया है. अब इस खबर पर भारत सरकार ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है और रूस के दावे से इनकार किया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs, India) ने बयान जारी कर कहा कि यूक्रेन में किसी भी भारतीय छात्र को बंधक नहीं बनाया गया है. यूक्रेन में भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने की खबरों के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'यूक्रेन में हमारा दूतावास भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है. ध्यान दें कि यूक्रेनी अधिकारियों के सहयोग से कई छात्र कल खारकीव छोड़ चुके हैं. हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी भी बंधक की स्थिति की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. हमने खारकीव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी भाग में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों से अनुरोध किया है.'
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अरिंदम बागची ने आगे कहा, 'हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा सहित इस क्षेत्र के देशों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को निकाला गया है. हम इसे संभव बनाने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा दी गई सहायता की सराहना करते हैं. हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों को भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस भेजने में मदद करने के लिए धन्यवाद देते हैं.'
Our response to media queries regarding reports of Indian students being held hostage in Ukraine ⬇️https://t.co/RaOFcV849D pic.twitter.com/fOlz5XsQsc
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 3, 2022
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बता दें कि इससे पहले रूस (Russia) के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि यूक्रेन के अधिकारियों ने भारतीय छात्रों के एक बड़े समूह को जबरन हिरासत में लिया है और उन्हें बंधक बना लिया है. रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंको के मुताबिक यूक्रेन की पुलिस और अधिकारी भारतीयों को परेशान करने के साथ उन्हें पोलैंड सीमा तक नहीं जाने दे रहे हैं. मंत्रालय का ये भी कहना था कि ऐसी चुनौतियों के बावजूद भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए प्रतिबद्ध हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में दावा किया था कि बड़ी तादाद में भारतीय छात्र खारखीव में फंसे हैं. वो यूक्रेन छोड़ने के लिए रूस-यूक्रेन बेलगोरोड सीमा पर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें यूक्रेनी अधिकारी गिरफ्तार कर रहे हैं.
करीब 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है. यूक्रेन में हालात बिगड़ते देख वहां स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील की है. रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों से तत्काल पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचने को कहा गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने हर नागरिक को सुरक्षित वापस लाएगी.
इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (PM Narendra Modi speaks to Vladimir Putin) से एक बार फिर बात की थी और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की. पीएमओ ने कहा, 'दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, खासकर खारकीव की जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की.'
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