Coronavirus Vaccine and Heart Attack: कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर जब लोगों का उत्साह कम हुआ उसी दौरान सरकार को फीडबैक मिला कि वैक्सीन से नुकसान हो सकता है, ऐसी आशंका से लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. ऐसे में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए सरकार ने आईसीएमआर से स्टडी करने को कहा है.
Trending Photos
Covid-19 vaccine ICMR Study: क्या 25 से 35 साल के उम्र के लोगों की अचानक मौत या हार्ट अटैक सामान्य घटना है? क्या पहले भी ऐसे केसेज आते रहे हैं. दरअसल बीते कुछ महीनों में जिस तरह से हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं उसे लेकर तरह-तरह की बाते हों रही हैं. क्या लोगों की असमय मौत का कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) से कोई कनेक्शन है, सरकार अब ऐसे सवालों का जवाब तलाशने के लिए स्टडी करवा रही है.
ICMR को दी गई जिम्मेदारी
लोगों में बूस्टर डोज को देखकर उत्साह कम हुआ तो सरकार संशय में आ गई. अलग अलग फोरम से सरकार को फीडबैक मिला कि लोग वैक्सीन से नुकसान ना हो जाए, इस वजह से आशंकित हैं. ऐसे में लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगाने के लिए सरकार ने ICMR से स्टडी करने को कहा है. ICMR अब देश के अलग अलग अस्पतालों से ऐसे लोगों का डाटा इकट्ठा करेगा जिन्हें पिछले 2 सालों में हार्ट अटैक आया. इनमें से कितने लोगों को कोरोना था और कितनों को नहीं. ये लोग वैक्सीन लगवा चुके थे या नहीं - कौन सी वैक्सीन और कितनी डोज लगवाई गई थी - इसका भी डाटा इकट्ठा किया जाएगा.
हेल्थ एक्सपर्ट की राय
देश के प्रमुख हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक वो हार्ट अटैक के मरीजों को खास तौर पर वैक्सीन लेने की सलाह दे देते हैं. क्या कोरोना संक्रमण होने की वजह से लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा है, इसे लेकर फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ का कहना है कि कोरोना वायरस से केवल सांस की बीमारी नहीं ये दिल का मरीज भी बना सकती है. डॉ अशोक सेठ के मुताबिक कोविड होने के दौरान शरीर की धमनियों में सूजन आ सकती है. ऐसा होने पर दिल की मांसपेशियां भी सूज जाती हैं. वहीं कोरोनावायरस के बाद लोगों में ब्लड क्लॉट बनते भी देखे गए हैं. इसी कॉकटेल वाले खतरे से कोरोनावायरस के मरीजों को रिकवर होने के एक महीने तक सावधान रहने को कहा जाता है.
ये सावधानी बरतें
ऐसे मरीजों को रिकवर होने के तुरंत बांद एक्सरसाइज़ से बचना चाहिए. धीरे धीरे नॉर्मल लाइफ पर लौटना चाहिए. दिल के मरीजों को वैक्सीन ज्यादा फायदा कर सकती है. खास तौर पर 60 वर्ष से उपर के लोगों को बूस्टर डोज जरूर लेनी चाहिए.
कड़ाके की ठंड और कोरोनावायरस की बीमारी का इतिहास दे सकता है हार्ट अटैक
पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल की रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना की बीमारी हो और सर्दियों का मौसम हो तो हार्ट अटैक का खतरा 31% तक बढ़ जाता है. दरअसल, ठंड के मौसम में नसें सिकुड़ती हैं, इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. सोते समय भी बॉडी की एक्टिविटी धीमी हो जाती है. ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल नीचे आ जाता है. जिससे दिल को ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए होती है. इस प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक आ सकता है.
वहीं फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल दिल्ली की ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ अपर्णा जसवाल के मुताबिक सर्दियों में सुबह की सैर से बचना चाहिए. लोगों को थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए जिससे खून गाढ़ा ना हो और ब्लड जमे नहीं.
क्यों बढ़ी चिंता?
नाचते गाते हार्ट अटैक, जिम में एक्सरसाइज करते करते हार्ट अटैक या फिर बस चलते-चलते ही अचानक गिर जाना. पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलीं जिससे लोग कन्फ्यूज हो गए कि क्या ये कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट है या कुछ और. खास तौर पर युवाओं में 30 से 50 साल की उम्र के फिट दिखने वाले लोगों में हार्ट अटैक के केस बढ़ने के बाद लोग काफी डरे हुए हैं.
अगर दिल में हो दर्द तो ये टेस्ट कराएं
ऐसे में डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि साधारण ईसीजी, ब्लड टेस्ट और इको से ये पता लगाया जा सकता है कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं है. वहीं डॉक्टरों का ये भी कहना है कि लोगों को छोटे से छोटे खतरे को इग्नोर नहीं करना चाहिए. हालांकि सरकारी डाटा के मुताबिक भारत में वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट की वजह से केवल 9 लोगों की मौत हुई थी और तब ये कहा गया था कि वैक्सीन खतरनाक नहीं है इसके फायदे ज्यादा हैं.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं