DNA Analysis: चीतों की सुरक्षा में तैनात होंगे 'कमांडो डॉग्स'! शिकारियों से बचाएंगे जान; इस खास ब्रीड के कुत्तों का हुआ सिलेक्शन
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DNA Analysis: चीतों की सुरक्षा में तैनात होंगे 'कमांडो डॉग्स'! शिकारियों से बचाएंगे जान; इस खास ब्रीड के कुत्तों का हुआ सिलेक्शन

Cheetah in Kuno National Park: सरकार ने नामीबिया से 8 चीते तो मंगवा लिए हैं. अब उनकी सुरक्षा सरकार के लिए बड़ी चिंता बन गई है. सरकार ने जंगली जानवरों और शिकारियों से चीतों की जान बचाने के लिए खास ब्रीड वाले 'कमांडो डॉग्स' को तैनात करने का फैसला किया है. 

DNA Analysis: चीतों की सुरक्षा में तैनात होंगे 'कमांडो डॉग्स'! शिकारियों से बचाएंगे जान; इस खास ब्रीड के कुत्तों का हुआ सिलेक्शन

ITBP German Shepherd Dogs to protect Cheetahs: दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता (Cheetah) दिखने में क्यूट और हमला करने में खूंखार होता है. सोचिए ऐसे चीतों की शिकारी जानवरों से सुरक्षा का जिम्मा अगर कुत्तों को दे दिया जाए तो वो कुत्ते खुद को कितना खुशनसीब समझेंगे और चीतों के दिल पर क्या बीतेगी. मतलब माना कि नामीबिया (Namibia) के चीते अभी भारत के माहौल में खुद को ढालने में मुश्किलें महसूस कर रहे होंगे. लेकिन अगर चीतों की सुरक्षा कुत्तों के भरोसे होगी तो सवाल उठेंगे ही. लेकिन सरकार के लिए चीतों की सुरक्षा सर्वोपरि है फिर चाहे उसके लिए कुत्तों को ही कमांडो क्यों ना बनाना पड़े.

नामीबिया से लाए गए हैं 8 चीते

दरअसल मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में नामीबिया से लाए गए चीतों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर उन्हें ट्रेंड डॉग्स के हवाले किया जाएगा. फिलहाल इन कुत्तों को हरियाणा के पंचकूला में खास ट्रेनिंग दी जा रही है. कहा जा रहा कि अन्य जानवरों और शिकारियों से बचाने के मकसद से इन विशेष प्रशिक्षित कुत्तों को चीतों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा.

वो कुत्ते जो चीतों (Cheetah) के गार्ड बनेंगे, वे जर्मन शेफर्ड (German Shepherd Dogs) ब्रीड के होंगे. जिन्हें अलग-अलग जानवरों की खाल और हड्डियों का पता लागने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. कुत्ते सही से ट्रेनिंग हासिल कर सकें, इसके लिए World Wide Fund for Nature India की भी मदद ली जा रही है. वैसे कुत्तों के सूंघने की क्षमता इतनी ज्यादा होती है कि उसका मुकाबला चीता भी नहीं कर सकता. लेकिन फिर भी कल्पना कीजिये कि चीते की सुरक्षा करते हुए कुत्ते कैसे लगेंगे.

पंचकूला में दी जा रही कुत्तों को ट्रेनिंग

ये खबर सुनकर हमारे मन में भी जिज्ञासा जागी कि आखिर वो कौन से कुत्ते हैं जो चीतों की सुरक्षा  का जिम्मा संभालेंगे. यही जिज्ञासा ज़ी न्यूज को पंचकूला के डॉग ट्रेनिंग कैंप तक ले गई. जहां इन कुत्तों को ट्रेन्ड किया जा रहा है. 

नामीबिया से समझौते के तहत 8 चीते (Cheetah) भारत लाए गए हैं. पंचकूला के आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे इन कुत्तों को चीतों की सुरक्षा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. जो शिकारियों के साथ-साथ जंगली जानवरों के हमलों से भी चीतों की जान की हिफाजत करेंगे. इसके लिए ये कुत्ते (German Shepherd Dogs) इन दिनों कमांडो ट्रेनिंग ले रहे हैं.

इस आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर में इस वक्त 6 जर्मन शेफर्ड कुत्तों को ट्रेंड किया जा रहा है. इनके अलावा एक फीमेल अल्सीसियन डॉग को खासतौर से चीतों की सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जा रही है. ईलू अपने ट्रेनर संजीव शर्मा के साथ कूनो में पोस्टेड होगी और चीतों को गार्ड करेगी. 

शिकारी और जंगली जानवरों पर रखेंगे नजर

70 साल बाद हमारे देश की धरती पर चीते (Cheetah) देखने को मिले हैं. हालांकि चीते आ तो गए हैं लेकिन वो सर्वाइव भी करें, ये भी सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिए अगर कुत्तों को चीतों की सुरक्षा में लगाना पड़े तो लगाना चाहिए. इसमें बुरा मानने वाली बात क्या है. अगर कुत्ते तैनात करने से चीतों में सुरक्षा की भावना आती है तो अच्छी बात है. 

ITBP में वेटरनिरी डॉक्टर हितेश कहते हैं कि कानून प्रवर्तन में डिटेक्शन डॉग्स (German Shepherd Dogs) का उपयोग करना एक सिद्ध अभ्यास है क्योंकि डॉग अपनी चपलता और उत्कृष्ट घ्राण इंद्रियों के कारण विभिन्न प्रकृति के अपराधों का मुकाबला करने में सक्षम हैं. अवैध वन्यजीव व्यापार ने दुनिया भर में कई जंगली प्रजातियों के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है. ऐसे में वन्यजीव अपराध की रोकथाम करने और उनका पता लगाने में वन्यजीव खोजी कुत्तों का उपयोग भारत में एक गेम चेंजर रहा है. 

वैसे वक्त-वक्त की बात है. नामीबिया (Namibia) में इन चीतों से जंगली जानवर डरा करते होंगे. लेकिन भारत में इन्हें जंगली जानवरों का डर सता रहा है. या शायद चीतों से ज्यादा डर सरकार को है. इस डर के आगे आईटीबीपी के ये कुत्ते हैं. जिनके होते हुए चीतों का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा, ऐसा दावा है.

डॉग्स में होती है सूंघने की जबरदस्त क्षमता

आईटीबीपी के आईजी ईश्वर सिंह दूहन कहते हैं कि कुत्तों (German Shepherd Dogs) में सूंघने की बेहतरीन क्षमता होती है. उनकी इस क्षमता के इस्तेमाल से शिकारियों की पहचान ज्यादा अच्छे से की जा सकती है. उनका कहना है कि जंगल में अक्सर शिकारी सक्रिय रहते हैं. बड़े जानवरों को मारकर उनके अंग बेचने से उन्हें मुंहमांगी रकम मिलती है. इसी वजह से टाइगर, चीते, हाथी और गैंडे जैसे जानवरों को हमेशा खतरा रहता है. 

कुछ लोग कह सकते हैं कि चीता (Cheetah) कितना भी डरा हुआ क्यों ना हो, कुत्ते के सामने बीस ही निकलेगा. लोग ये भी कह सकते हैं कि कुत्तों की सिक्योरिटी में रहते हुए क्या चीतों की भावनाएं आहत नहीं होंगी. लेकिन ये मत भूलिये कि चीतों के लिए भारत की जमीन नई है और अपनी जमीन पर तो कुत्ता भी शेर होता है. 

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