Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में 2024 का साल सुरक्षाबलों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ. स्थानीय आतंकवाद लगभग खत्म हो चुका है, और स्थानीय आतंकियों की संख्या सिंगल डिजिट में पहुंच गई है.
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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में 2024 का साल सुरक्षाबलों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ. स्थानीय आतंकवाद लगभग खत्म हो चुका है, और स्थानीय आतंकियों की संख्या सिंगल डिजिट में पहुंच गई है. सुरक्षाबलों की कड़ी रणनीति और मजबूत कार्रवाई के चलते आतंकी घटनाओं में भी भारी कमी दर्ज की गई है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त घोषित किया जा सकता है.
स्थानीय भर्ती पर रोक
सुरक्षाबलों की सबसे बड़ी सफलता स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों से दूर रखने में रही. 2024 में केवल 7 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए. यह आंकड़ा 2019 के मुकाबले 96% कम है, जब 132 युवा आतंकी संगठनों का हिस्सा बने थे. यह गिरावट सुरक्षाबलों की जागरूकता अभियान और आतंकियों के इकोसिस्टम को खत्म करने की रणनीति का नतीजा है.
सिंगल डिजिट में पहुंची स्थानीय आतंकियों की संख्या
2024 में जम्मू-कश्मीर में केवल 9 स्थानीय सक्रिय आतंकी बचे हैं. यह आंकड़ा पिछले कई दशकों में सबसे कम है. इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या हमेशा दहाई या सैकड़ों में रही है.
विदेशी आतंकवादियों पर सख्ती
हालांकि, विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी अब भी एक चुनौती है. 2024 में सुरक्षाबलों ने 68 आतंकियों को मार गिराया, जिनमें से 42 विदेशी थे. इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के 4 शीर्ष कमांडर भी शामिल थे.
आतंकी नेटवर्क और इकोसिस्टम पर प्रहार
सुरक्षाबलों ने न केवल आतंकियों को खत्म किया, बल्कि उनके वित्तपोषण और नेटवर्क को भी तोड़ दिया. सीमा पर घुसपैठ के प्रयासों को विफल कर दिया गया, जिससे आतंकियों को नए कैडर जोड़ने और अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में कठिनाई हुई.
आंकड़ों में दिखी आतंकवाद की गिरावट
2024 में जम्मू-कश्मीर में केवल 61 आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले वर्षों के मुकाबले 47% कम हैं. 2019 में 157 आतंकी मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 68 रह गई. नागरिक और सुरक्षाकर्मियों की मौतों में भी भारी कमी आई है.
जागरूकता अभियान और सख्त कानून का असर
सुरक्षाबलों ने जागरूकता अभियान चलाकर स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों से दूर रखा. संपत्ति कुर्की और सख्त कानूनों के इस्तेमाल ने आतंकी समर्थकों और नेटवर्क से जुड़े लोगों पर नकेल कसी. इसका असर यह हुआ कि लोग अब गलत रास्ते पर जाने से बचने लगे हैं.
शांति और समृद्धि की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर
2024 में जम्मू-कश्मीर में शांति और प्रगति के संकेत साफ दिखे. सुरक्षाबलों की रणनीति और कार्रवाई ने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए हैं. अगर यही गति बनी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब जम्मू-कश्मीर पूरी तरह आतंकवाद मुक्त हो जाएगा.