वोटिंग से पहले झारखंड की राजनीति में क्यों मचा हड़कंप? CBI का एक्शन.. हेमंत के करीबियों पर छापा
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वोटिंग से पहले झारखंड की राजनीति में क्यों मचा हड़कंप? CBI का एक्शन.. हेमंत के करीबियों पर छापा

CBI Raid: यह छापेमारी साहिबगंज मुफ्फसिल थाना में दर्ज मामले और एसटी-एससी थाने में दर्ज केस का हिस्सा है, जिन्हें CBI ने अपने अधीन ले लिया था. मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर पंकज मिश्रा का नाम भी शामिल है.

वोटिंग से पहले झारखंड की राजनीति में क्यों मचा हड़कंप? CBI का एक्शन.. हेमंत के करीबियों पर छापा

Jharkhand Elections: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले वहां की राजनीति में हड़कंप मच गया है. CBI ने 1200 करोड़ रुपए के अवैध खनन मामले में बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के 16 ठिकानों पर छापेमारी की गई. यह कार्रवाई झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के विभिन्न स्थानों पर हुई. CBI ने यह छापा नवंबर 2023 में कोर्ट के आदेश पर दर्ज मामले के तहत मारा, जिसमें पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों पर अवैध खनन से जुड़े आरोप लगे हैं.

CBI ने एक साथ छापा मारा

असल में छापेमारी में CBI को बड़ी बरामदगी मिली है. टीम ने झारखंड के साहिबगंज और रांची के कुल 14 स्थानों, कोलकाता में एक, और पटना में एक स्थान पर छापेमारी की. इन छापों में 50 लाख रुपये नकद, 1 किलो सोना, और कुछ चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं. साहिबगंज में, विशेष रूप से मिर्जाचौकी, बारहरवा और उधवा क्षेत्रों में लगभग 10 से 12 स्थानों पर CBI ने एक साथ छापा मारा.

मुख्य आरोपी के तौर पर पंकज मिश्रा

जानकारी के मुताबिक CBI की यह छापेमारी साहिबगंज मुफ्फसिल थाना में दर्ज मामले और एसटी-एससी थाने में दर्ज केस का हिस्सा है, जिन्हें CBI ने अपने अधीन ले लिया था. मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर पंकज मिश्रा के अलावा विष्णु कुमार यादव, पवितर कुमार यादव, और राजेश यादव समेत कई लोगों के नाम सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग पंकज मिश्रा के सहयोगी हैं और इन पर अवैध खनन से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप है.

CBI का शिकंजा कसता जा रहा

फिलहाल पंकज मिश्रा पर CBI का शिकंजा कसता जा रहा है. बरहट विधानसभा के विधायक हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि मिश्रा पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. CBI का यह एक्शन चुनाव के पहले झारखंड में राजनीतिक माहौल को गरमाने के साथ-साथ अवैध खनन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दे रहा है.

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