Kashmir Willow Bat: कश्मीर घाटी का क्रिकेट बैट उद्योग सदियों पुराना है और इसकी पहचान दुनियाभर में है. यहां के विलो बैट अब इंग्लिश विलो बैट के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी बन गए हैं.
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Kashmir Willow Bat: कश्मीर घाटी का क्रिकेट बैट उद्योग सदियों पुराना है और इसकी पहचान दुनियाभर में है. यहां के विलो बैट अब इंग्लिश विलो बैट के सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी बन गए हैं. इस सफलता के पीछे घाटी के युवा उद्यमी फवजुल कबीर की कड़ी मेहनत है.
फवजुल कबीर.. एक युवा उद्यमी की कहानी
फवजुल कबीर कश्मीर घाटी के 32 वर्षीय उद्यमी हैं. एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 2013 में जीआर8 स्पोर्ट्स नाम से विलो बैट बनाने का उद्योग शुरू किया. अपनी मेहनत और दूरदृष्टि के बल पर उन्होंने इस उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
फवजुल ने अपनी कंपनी के बैट को अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ओमान, बहरीन और स्कॉटलैंड जैसे छह देशों में निर्यात करना शुरू किया. आज उनकी कंपनी करीब एक दर्जन देशों में अपने बैट भेज रही है. 2023 के क्रिकेट विश्व कप में अफगानिस्तान, यूएई, श्रीलंका, ओमान, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश की टीमों ने फवजुल के बनाए बैट का इस्तेमाल किया.
उद्योग में तेजी से विकास
एक दशक पहले कश्मीर घाटी में लगभग 3 लाख बैट सालाना बनाए जाते थे. आज यह संख्या 30 लाख तक पहुंच गई है. घाटी में 400 से अधिक बैट फैक्ट्रियां हैं जिनसे करीब 1 लाख लोग रोजगार पाते हैं. फवजुल ने बताया कि उन्होंने 11 साल के शोध और विकास के बाद कुछ खास तकनीकें विकसित कीं, जो उनके बैट को खास बनाती हैं. 2022 में ऑस्ट्रेलिया में हुए विश्व कप में उनके बैट ने सबसे लंबा छक्का लगाया जिससे उनकी पहचान और बढ़ गई.
कश्मीर विलो को औपचारिक मान्यता
भारत सरकार ने ‘कश्मीर विलो क्रिकेट बैट’ को हस्तशिल्प उद्योग के हिस्से के रूप में सूचीबद्ध किया है. इस कदम से न केवल स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा बल्कि इस पारंपरिक शिल्प को दीर्घकालिक विकास का अवसर भी मिलेगा. 2023 में फवजुल के स्टार्टअप को भारत के 1.54 लाख स्टार्टअप्स में शीर्ष दस में शामिल किया गया. यह कश्मीर का एकमात्र स्टार्टअप है जिसने यह उपलब्धि हासिल की.
युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा
फवजुल ने बताया कि उनकी सफलता ने घाटी के युवाओं को प्रेरित किया है. करीब 23 नए ब्रांड इस उद्योग में प्रवेश कर चुके हैं जिनमें ज्यादातर युवा उद्यमी हैं. कश्मीर विलो बैट उद्योग ने न केवल घाटी को आर्थिक मजबूती दी है बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी दिलाई है. फवजुल कबीर जैसे युवा उद्यमी इस बात का उदाहरण हैं कि मेहनत और दृढ़ता से कैसे असंभव को संभव बनाया जा सकता है.