Waqf Amendment Bill: पीएम नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के बाद संसद में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया गया था. इसमें संशोधन करने के लिए एमएमयू का एक प्रतिनिधिमंडल जेपीसी के अध्यक्ष से मुलाकात करेगा. जानिए इसके पीछे की वजह.
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Waqf Amendment Bill: पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के बाद संसद में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश किया गया था. विपक्ष की लगातार मांग के बाद इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था. इसे लेकर मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) का एक प्रतिनिधिमंडल जेपीसी के अध्यक्ष से मुलाकात करेगा. जानिए इसके पीछे की वजह क्या है.
24 जनवरी को नई दिल्ली में वक्फ संशोधन विधेयक पर मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) का एक प्रतिनिधिमंडल जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल से उनके आवास पर मुलाकात करेगा. एमएमयू के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक हैं. बता दें कि एमएमयू ने वक्फ बिल में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराने के लिए जेपीसी प्रमुख से मिलने का समय मांगा था.
इसे लेकर रेहम ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल में कश्मीर, जम्मू, लेह और कारगिल के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसका उद्देश्य बिल के कुछ प्रावधानों के बारे में आरक्षण को उजागर करना है, जिनका वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और स्वायत्तता तथा मुस्लिम समुदायों, विशेषकर वंचितों के कल्याण पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को विपक्ष सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा उठाई गई आलोचना और चिंताओं के बाद पिछले साल अगस्त में भाजपा सांसद जगदंबा पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था.
यह समिति कानून में व्यापक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सरकारी अधिकारियों, कानूनी विशेषज्ञों, वक्फ बोर्ड के सदस्यों और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामुदायिक प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है. यह समिति आगामी बजट सत्र में संसद को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप सकती है.