Francis George: यूडीएफ के एकमात्र सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने वक्फ अमेंडमेंट बिल पर अपना रुख साफ किया. उन्होंने मुनंबम में वक्फ बोर्ड के दावे वाली जमीन पर अपने राजस्व अधिकारों को बहाल करने के लिये भूख हड़ताल पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह संसद में पेश नए विधेयक का समर्थन करेंगे.
Trending Photos
Waqf Amendment Bill: केरल कांग्रेस (जोसेफ) के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में पार्टी के एकमात्र सदस्य फ्रांसिस जॉर्ज ने कहा है कि एक जनप्रतिनिधि और एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि के तौर पर वह नए विधेयक का समर्थन करेंगे. केरल कांग्रेस (जोसेफ) केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ की एक प्रमुख सहयोगी दल है. केरल कांग्रेस (जोसेफ) पार्टी के सीनियर नेता और लोकसभा में इसके इकलौते सदस्य फ्रांसिस जॉर्ज ने कहा है कि एक जनप्रतिनिधि और एक सियासी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में वह नए विधेयक का समर्थन करेंगे.
जॉर्ज ने कोच्चि के निकट मुनंबम में आयोजित 24 घंटे के विरोध प्रदर्शन के समापन पर अपना रुख साफ किया. यह विरोध प्रदर्शन क्रमिक भूख हड़ताल का हिस्सा था. मुनंबम में लोग वक्फ बोर्ड के दावे वाली जमीन पर अपने राजस्व अधिकारों को बहाल करने के लिये भूख हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने वर्तमान वक्फ एक्ट को 'काला कानून' बताया, 'जिसे किसी भी लोकतांत्रिक देश में कोई भी स्वीकार नहीं कर सकता'
केरल कांग्रेस की अभी तक नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
जॉर्ज ने एक्ट की अलग-अलग धाराओं का उल्लेख करते हुए कहा, 'इसलिए मौजूदा कानून को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. इसमें बदलाव की आवश्यकता है.' कोट्टायम के सांसद ने कहा कि जब संशोधन विधेयक संसद में लाया गया था, तब आम सहमति बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन 'दुर्भाग्य से' इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया.'
भाजपा ने किया स्वागत
कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ ने जॉर्ज के रुख पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. जबकि जॉर्ज का रुख इस मामले पर यूडीएफ के रुख के उलट है. जॉर्ज के इस कदम का स्वागत करते हुए भाजपा नेता शोन जॉर्ज ने कहा कि एक ईसाई सांसद ने दिखा दिया है कि उनमें हिम्मत है. उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, 'उम्मीद है कि संसद में भी यह बात साबित होगी.'
किरेन रिजिजू ने पेश किए थे बिल
केरल विधानसभा ने बीते साल अक्तूबर महीने में केंद्र की तरफ से वक्फ एक्ट में प्रस्तावित अमेंडमेंट के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की तरफ से लोकसभा में वक्फ (अमेंडमेंट) बिल पेश किए जाने के बाद इस बिल को लेकर संसद में विपक्षी पार्टियों ने भारी विरोध किया, जिसके बाद इसे जगदंबिका पाल की अगुआई वाली संयुक्त संसदीय कमेटी में 8 अगस्त, 2024 को भेज दिया गया. ( भाषा इनपुट के साथ )