मोदी ने रखी केन बेतवा जोड़ो परियोजना की नींव, 10 जिलों में दूर होगा जल संकट
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2573889

मोदी ने रखी केन बेतवा जोड़ो परियोजना की नींव, 10 जिलों में दूर होगा जल संकट

PM Modi In Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100 जयंती पर 3 परियोजनाओं की सौगात दी. इसमें केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट परियोजना का उद्घाटन और 437 करोड़ की लागत से 1153 नवीन अटल ग्राम सेवा सदन का भूमिपूजन हुआ. 

मोदी ने रखी केन बेतवा जोड़ो परियोजना की नींव, 10 जिलों में दूर होगा जल संकट

PM Modi In Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100 जयंती पर मध्य प्रदेश को केन-बेतवा लिंक परियोजना की सौगात दी. मोदी ने आज खजुराहो में आयोजित कार्यक्रम में  केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के शिलान्यास के साथ-साथ ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण भी किया. पीएम जब कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो नारों से उनका जोरदार स्वागत हुआ. कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री मोदी का कार रोड शो भी हुआ. पीएम ने सबसे पहले मंच पर पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके अलावा अटल बिहार बाजेपई के फोटो वाला डाक टिकट और 100 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया.

क्या बोले पीएम मोदी

बुंदेलखंड में रहवे बारे सभई जनन कों राम-राम! से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की. पीएम मोदी ने कहा- वीरों की धरती बुंदेलखंड की जनता को राम-राम प्रणाम. आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है हो देश और दुनिया के ईसाई धर्म के लोगों क्रिसमस की बधाई देता हूं. मध्य प्रदेश के मोहन सरकार को 1 साल पूरे होने पर मेरी ओर से बधाई. इस परियोजना के लिए एमी के लोगों को बधाई देता हूं. आज हम सभी के लिए प्रेरणादायी दिन है. आज भारत रत्न अटलजी के जन्म के 100 साल हो रहे हैं. अटल जी के जयंती का पर्व सुशासन की और सुसेवा की प्रेरणा का पर्व है. अटलजी का योगदान देश के विकास में हमेशा हमारे स्मृति पटल पर अमिट रहेगा. मध्य प्रदेश में 1100 से अधिक अटल ग्राम सेवा सदन के निर्माण का काम शुरू हो रहा है. अटल ग्राम सेवा सदन गावों के विकास को नई गति देंगे. 

मोदी ने कहा- कांग्रेस सरकार घोषणाएं करने में माहिर हुआ करता थी. फीता काटना और अखबार में तस्वीर छपवाने से काम पूरा हो जाता था. 40 साल पहले जिसके शिलान्यास हुए बाद में वहां एक भी ईंट नहीं लगी. विद्वान लोगों से आग्रह करूंगा आजादी के 75 साल हो गए तो एक बार विकास के पैरामीटर निकल जाए. कांग्रेस के सरकार जहां होती है वहां क्या काम होता है. जहां कम्युनिस्ट ने सरकार चलाई वहां क्या हुआ. जहां परिवार ने सरकार चलाई वहां क्या हुआ. जहां भाजपा की सरकार है वहां क्या हुआ.

पीएम कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- दुर्भाग्य से देश में लंबे वक्त तक कांग्रेस की सरकार रही. जिसका खामियाजा लंबे वक्त तक बुंदेलखंड की जनता ने भोगा है. क्योंकि बुंदेलखंड की जनता के बारे में कांग्रेस ने कभी सोचा ही नहीं. किसी से भी पहुंच लिया जाए आजादी के बाद पानी के लिए किसने काम किया, इसके बारे में छुपाया गया. सिर्फ एक ही आदमी को क्रेडिट दिया गया. अगर किसी को क्रेडिट जाता है तो वह है बाबा साहब अंबेडकर डॉ,बाबासाहेब अंबेडकर का विजन था. कांग्रेस ने बांधों के लिए कभी भी बाबा साहब को श्रेय नहीं दिया. पानी को लेकर आज भी किसी न किसी बात को लेकर भी विवाद होता है देश के अलग-अलग राज्यों में यह कांग्रेस आसानी से उस वक्त इन विवाद को खत्म कर सकती थी लेकिन कांग्रेस की नियत खराब थी. अटल जी के प्रयासों को और योजना और सभी सपनों कांग्रेस ने ठंडा बस्ते में डाल दिया था. केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 जिलों को लाभ मिलेगा. किसानों को फायदा मिलेगा.

दुनिया में टॉप 10 पर्यटन वाले राज्यों में एक मध्य प्रदेश है. दुनिया में भारत को लेकर जिज्ञासा बड़ी है. दुनिया भारत को जानना चाहती है. उसका बड़ा फायदा मध्य प्रदेश को होगा. मध्य प्रदेश टूरिज्म के मामले में हमेशा आगे रहा है. बुंदेलखंड की जनता से वादा किया था आपकी मुश्किलें कम करने के लिए में पूरी ईमानदारी से काम करूंगा. इसी सोच के साथ बुंदेलखंड के लिए 45000 करोड़ की योजना बनाई थी. 21वीं सादी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है जल सुरक्षा. वही आगे बढ़ेंगे जिनके पास जल होगा.

 

पीएम मोदी ने किया 3 परियोजना को लोकार्पित

1. पीएम मोदी ने केन बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया. 
2. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का उद्घाटन किया.
3. 437 करोड़ की लागत से 1153 नवीन अटल ग्राम सेवा सदन का भूमिपूजन

सीएम ने मोदी को बताया एमपी के लिए ऋषि भागीरथ
सीए मोहन यादव ने कहा- आज का दिन भारत के इतिहास में मध्य प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार बाजपेयी ने सपना देखा, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा किया. बुंदेलखंड सूखे की मार झेलता था. लोग घर छोड़कर चले जाते थे. बुंदेलखंड का इलाका ऐसा है, जो पूरे देश में आदर्श है. कभी किसी के आगे सिर नहीं झुकाया. लेकिन प्रकृति की मार के आगे बेबस थे. पानी के अभाव में परेशान थे. कांग्रेस के लोग झूठ बोलकर जाते थे. वोट लेकर भूल जाते थे. आज तक कोई पैकेज नहीं दिया. सीएम ने आगे कहा कि आज बुंदेलखंड के 11 जिले पूरे क्षेत्र में पीने का पानी, खेली के लिए पानी उपलब्ध होगा. आज सोलर परियोजना भी शुरू हो रही है. आज ओंकारेश्वर में पानी पर तैरने वाली परियोजना बिजली उत्पादन परियोजना को लोकार्पण हो रहा है. सीएम ने मोदी की तुलना ऋषि भागीरथ से की. कहा कि जिस प्रकार ऋषि भागीरथ ने गंगा को धरती पर बुलाया. उसी तरह मोदी आज केन-बेतवा लिंक परियोजना के जरिए मध्य प्रदेश की प्यास बुझाने का काम कर रहे हैं. अब बुंदेलखंड का सूखा खत्म होगा. पीएम मोदी ने सुशासन स्थापित किया. हमारा देश आदर्श बनना चाहिए पूरी दुनिया में. कांग्रेसियों की मति मारी गई है. कांग्रेस को आज भी ये भूमिपूजन नहीं सुहा रहा है. हमारी सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होनी चाहिए. इसलिए सरकार जनकल्याण अभियान चला रही है. 53 तरह की योजनाओं का हितग्राहियों को ढूंढ -ढूंढ कर लाभ दिया जा रहा है. 

 अपडेट जारी है...

केन-बेतवा लिंक परियोजना की पूरी डिटेल

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना (KBLP) एक नदी जोड़ो परियोजना है, जिसका उद्देश्य केन नदी से अधिशेष जल को बेतवा नदी बेसिन में स्थानांतरित करना है. 
  • परियोजना के लक्ष्यों में सिंचाई और पीने के लिए पानी उपलब्ध कराना, जल विद्युत उत्पादन करना और पानी की कमी को कम करना शामिल है.
  • इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 10 और उत्तर प्रदेश के चार जिलों को लाभ मिलेगा.
  • इस परियोजना में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा दौधन बांध और नदियों को जोड़ने वाली 221 किलोमीटर लंबी नहर शामिल होगी.
  • इस परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होगी.
  • इस परियोजना से 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि को सालाना सिंचाई मिलेगी.
  • इस परियोजना से लगभग 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा.
  • इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा.
  • इस परियोजना को पर्यावरण संबंधी चिंताओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें 23 लाख बड़े पेड़ों को हटाना भी शामिल है.
  • इस परियोजना को सामाजिक चिंताओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें विस्थापन भी शामिल है जिसके लिए पुनर्निर्माण और पुनर्वास की आवश्यकता होगी.
  • इस परियोजना को कानूनी चिंताओं का सामना करना पड़ा है, जिसमें केबीएलपी को दी गई मंजूरी के साथ महत्वपूर्ण कानूनी समस्याएं भी शामिल हैं
  • इस परियोजना के लिए लक्ष्य पूर्णता तिथि मार्च 2028 है.

Trending news