Bhopal Saurabh Sharma Case Latest News: एमपी के धनकुबेर सौरभ शर्मा मामले में एक और बड़ा राज सामने आया है. सौरभ शर्मा नोटों को दीमक से बचाने के लिए उस पर कैमिकल छिड़कता था. जब नोट अधिक हो जाता था तो उसका सोना-चांदी खरीद लेता था.
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Bhopal Saurabh Sharma Case: भोपाल में RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल के ठिकानों से मिली अकूत संपत्ति में एक के बाद एक बड़े खुलासे सामने आ रहे हैं. वहीं, अब उसके नोटों के गड्डियों का राज भी खुल गया है. दरअसल, धनकुबेर सौरभ शर्मा नोटों को दीमक से बचाने के लिए उस पर केमिकल छिड़कता था. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, सौरभ के दोस्त चेतन ठिकानों पर छापे के दौरान जो 1 करोड़ 72 लाख रुपए बरामद किए हैं उन पर ये केमिकल पाया गया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जब नोटों की संख्या अधिक हो जाती थी, तो वह उसका चांदी या सोना खरीद लेता था.
नोटों पर मिला बोरिक पाउडर
लोकायुक्त की टीम को सौरभ के दोस्त चेतन सिंह गौर के ठिकाने से जो 1.72 करोड़ रुपए मिले. ये नोट 2.50 लाख रुपए के पैकेट या गड्डी में रखे हुए थे. इन नोटों को दीमक से बचाने के लिए उस पर केमिकल वाला बोरिक पाउडर डाला गया था. कुछ पैकेट ऐसे हैं, जिस पर 2022 की मुहर लगी है. ऐसे में अनुमान लगााया जा रहा है कि सौरभ, काली कमाई का ये पैसा 2 साल पहले ही यहां रखा गया था.
दीमक से बचाने के लिए खरीदता था चांदी की सिल्ली
मीडिया रिपोर्ट की मानें सौरभ शर्मा नकदी नोटों को दीमक से बचाने के लिए चांदी की सिल्लियां और सोने खरीदता था. इसका अंदाजा सौरभ के दोस्त चेतन गौर के घर में बने खुफिया लॉकर में 235 किलो चांदी की सिल्लियों से लगाया जा रहा है. इधर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरू की है. ईडी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वे लोकायुक्त छापे में बरामद किए गए सभी दस्तावेजों का अध्ययन कर रहे हैं.
चेतन ने क्यों नहीं किया सौरभ से सवाल
वहीं, आयकर विभाग को दिए बयान में चेतन गौर ने खुद को सौरभ शर्मा का सामान्य कर्मचारी बताया है. चेतन का कहना है- सौरभ जहां कहता था, मैं वहां साइन कर दिया करता था. मेरे दस्तावेज वह अलग-अलग काम बताकर ले लेता था. चेतन ने यह भी बताया कि वे दोनों पुराने परिचित थे. उसे काम की जरूरत थी. इसी कारण उसने सौरभ से कभी कोई सवाल नहीं किया.
यही नहीं सौरभ शर्मा मामले में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि चेकपोस्ट पर मिलने वाली काली कमाई का सीधा सौरभ शर्मा से कनेक्शन था. इसका खुलासा उसके भोपाल स्थित अरेरा कॉलोनी वाले ठिकाने से परिवहन विभाग की सील और रसीद-कट्टे मिलने के बाद हुआ है. हालांकि, जब मीडिया ने लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद से इस बारे में बात किया ,क्या सौरभ के मकान से परिवहन विभाग की सील और रसीद–कट्टे भी मिले हैं? तो जवाब मिला "उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. जो भी सामान जब्त हुआ है, उसकी लिस्ट तैयार की जा रही है".
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