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छत्तीसगढ़ का 600 साल पुराना मंदिर, यहां की कहानी है दिलचस्प, शिवजी हैं विराजमान

Chhattisgarh Religious Place:  महाशिवरात्री इस बार 26 फरवरी 2025 को है. शिव भक्तों के लिए इस दिन का बहुत महत्व रहता है. दुनियां भर के मंदिरों में भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं. ऐसा ही एक मंदिर छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी मौजूद है जो करीब 600 पुराना माना जाता है. इस मंदिर के साथ लोगों की आस्था जुड़ी हुई है जिसके दर्शन से उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. चलिए जानते है क्या है इस 600 साल पुराने  मंदिर की कहनी के बारे में.

 

महाशिवरात्री

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महाशिवरात्री

 

महाशिवरात्री का त्योहार भगवान शिव को समर्पित सबसे अहम त्योहारों में से एक है. इस दिन देश भर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. शिव भक्त बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग पर जलाभिषेक कर महाशिवरात्रि की पूजा- अर्चना को पूरा करते हैं.

600 साल पुराना मंदिर

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600 साल पुराना मंदिर

 

छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी एक ऐसा ही मंदिर है जहां भक्तों का तांता लगा रहता हैं. बताते है कि इस मंदिर का इतिहास करीब 600 साल पुराना है. जितनी पुरानी ये मंदिर है उतनी गहरी आस्था यहां के लोगों में इस मंदिर के लिए है. 

बैजनाथ मंदिर

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बैजनाथ मंदिर

 

रायपुर में ये मंदिर बैजनाथ मंदिर के नाम से काफी प्रसिद्ध है और इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं और कहानियां प्रचलित हैं जो यहां के स्थानीय लोगों के मुंह से सुनी जा सकती है. 

शिवलिंग का महाभिषेक

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शिवलिंग का महाभिषेक

महाशिवरात्री के मौके पर मंदिर में स्थित शिवलिंग का महाभिषेक किया जाता है जिसके लिए सुबह से ही मंदिर में भक्तों की चहल-पहल रहती है. मंदिर में हो रहे पूजा- पाठ से आसपास का माहौल बिलकुल ही सकारात्मक हो जाता है. 

 

मंदिर में और कई मूर्तियां

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मंदिर में और कई मूर्तियां

 

इस मंदिर में शिवलिंग के साथ- साथ पार्वती, गणेश, हनुमान जी की मूर्तियां भी मौजूद हैं, जो लगभग छह सौ साल पुरानी बताई जाती है. ऐसा माना जाता है कि इसी मंदिर की देखरेख करने वाले बैजनाथ नाम के व्यक्ति पर ही बैजनाथपारा का नाम पड़ा है. 

बड़े तालाब की कहानी

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बड़े तालाब की कहानी

 

ये मंदिर सालों पुराने इतिहास का जीता जागता उदाहरण है. कहते हैं कि यहां सैकड़ों साल पहले यहां काफी बड़ा तालाब हुआ करता था और तालाब के किनारे बड़े मंदिर स्थित थे. समय के साथ धीरे-धीरे तालाब विलुप्त हो गया लेकिन ये मंदिर यहां मौजूद रहा. 

दो और मंदिर

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दो और मंदिर

 

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि  मंदिर परिसर में दो और मंदिर स्थापित हैं. जिनमें माता भवानी और भगवान हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन करने को मिलेगा. यहां दूर-दूर से भक्त आपनी मन की सारी मनोकामनाएं लेकर मंदिर के दर्शन करने आते हैं.