Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2615635
photoDetails1mpcg

छत्तीसगढ़ में पाताल लोक में है रहस्यमई गुफाएं, जहां जमीन के अंदर रहती हैं अंधी मछलियां

kutumsar caves-छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास से परिपूर्ण राज्य है. यहां चारों ओर हरियाली, पहाड़, नदी और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं. इसके अलावा यहां कई ऐसी जगहें हैं, जो बहुत ही रहस्यमई हैं. ये जगहें अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं. इन रहस्यों के पीछे कई तरह की कहानियां हैं. 

1/7

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भी एक रहस्यमई जगह है, जिसमें कई तरह के रहस्य मौजूद हैं. जगलदपुर जिले की कुटुमसर गुफा लाखों-करोड़ों साल पुरानी है. इसकी खोज सन् 1900 के आस-पास आदिवासियों ने की थी. जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूर कांगेर वैली नेशनल पार्क में यह गुफा मौजूद है. 

2/7

यह गुफा प्राकृतिक है, यह 40 मीटर गहरी, 330 मीटर चौड़ी और 4500 फीट लंबी है. एक अध्ययन से पता चला है कि करोड़ों साल पहले इस गुफा में इंसान रहा करते थे. इस गुफा में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती है. 

 

3/7

पानी से घिरी हुई कुटुमसर गुफा में अंधी मछलियां पाई जाती हैं.  यह गुफाएं बहुत पुरानी बनी है और अंधी मछलियों के लिए काफी मशहूर है. ये मछलियां अपने लंबे मूछों के जरिए ही आस-पास के वातावरण को भांपती हैं.

 

4/7

बता दें कि इस गुफा के भीतर बिलकुल भी रोशनी नहीं आती है. इस वजह से यहां इन मछलियों की आंखों की उपयोगिता कम होती गई. समय के साथ इनकी आंखों के सामने सफेद परत बन गई. इस वजह से यहां मिलने वाली मछलियां अंधी होती हैं. 

5/7

कुटुमसर गुफाओं में चूना पत्थर के रिसाव, कार्बन डाई ऑक्साइड, और पानी की रासायनिक क्रिया से बनी कई अनोखी संरचनाएं हैं. ये संरचनाएं सतह से लेकर छत तक फैली हुई हैं. इन गुफाओं में स्टेलेक्टाइट और स्टेलेग्माइट की खूबसूरत संरचनाएं हैं. 

6/7

इस रहसयमयी गुफा में आकाशवाणी केंद्र ने यहां के पत्थरों को वाद्य यंत्र की तरह उपयोग किया. इन पत्थरों का इस्तेमाल करते हुए  विभिन्न तरह के स्वर निकाले थे.

7/7

यह गुफा मानसून के सीजन में पर्यटकों के लिए बंद रहती हैं. अक्टूबर से जून के बीच पर्यटकों के लिए गुफा को खोला जाता है. एडवेंचर और रहस्य पसंद करने वालों में इस जगह को लेकर खास रुचि है. हर साल यहां हजारों लोग घूमने आते हैं.