सबसे साफ शहरों में से एक इंदौर में प्रशासन लगातार भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए कोशिश कर रहा है. लगातार 7 बार सबसे साफ शहर का खिताब जीतने के बाद अब अगला टारगेट भिखारी मुक्त शहर बनना है, जिसके लिए कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं.
हाल ही में एक आदेश आया था, जिसमें भीख देने और लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कहीं थी.इसके साथ ही जो कोई भी भिखारी का पता बताएगा उसे ईनाम भी देने की घोषणा हुई थी.
इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए खास अभियान चल रहा है. प्रशासन साफ बता चुका है भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जिसकी शुरुआत हो चुकी है.
भीख देने के मामले में शहर में पहली FIR दर्ज हो गई है. भीख लेने और देने दोनों पर अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई. कलेक्टर आशीष सिंह इस मुहिम को खुद मॉनिटर कर रहे हैं.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसी काम को सबसे पहले सफल बनाने के लिए इंदौर लगातार काम कर रहा है. दिसंबर से प्रशासन जागरूकता अभियान भी चला रही है.
बात नहीं मानने पर इंदौर पुलिस ने भीख देने और लेने वाले दोनों पर FIR दर्ज कर दी. देने वाले एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज की और दूसरी एक महिला भिखारी के खिलाफ दर्ज की, जिसने भीख ली.
इंदौर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत FIR दर्ज की. इस धारा के तरह सरकारी आदेश का पालन नहीं करने के लिए सजा दे सकती है
ट्रेन्डिंग फोटोज़