बागियों के मुद्दे पर काफी फजीहत होने के बाद कैडर बेस पार्टी बीजेपी ने एक्शन ले ही लिया. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे 18 कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए बीजेपी पार्टी ने निष्कासित कर दिया है.
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दीपक अग्रवाल/शिवपुरी: नगरीय निकाय के चुनावों में बागी कार्यकर्ताओं को सबक सिखाने बीजेपी भी एक्शन में आ गई है. शनिवार को बीजेपी ने बड़े नेताओं के पॉवर को दरकिनार करते हुए ही शिवपुरी में 18 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
टिकट वितरण के बाद बागी हो गए थे कार्यकर्ता
नगरीय निकाय चुनाव में इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही थी कि बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों को अपना चेहरा बनाया था, उनके खिलाफ वह कार्यकर्ता नाराज हो गए जो टिकट की मांग कर रहे थे. उन्होंने इस बात का विरोध सार्वजनिक रूप से किया था. इसके बावजूद अपने आकाओं की सरपरस्ती में वह अपने को सेफ महसूस कर रहे थे और बागी तेवर अपना रहे थे.
बड़े नेताओं के दबाव में नहीं हो रही थी कार्रवाई
बीजेपी पार्टी ने जिन नामों पर मुहर लगाई थी, उनके खिलाफ चुनाव लड़ना या फिर चयनित उम्मीदवारों का विरोध करना अनुशासनहीनता में आता है. बीजेपी बड़े नेताओं के दबाव में उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही थी तो ये मुद्दा तूल पकड़ने लगा था.
शिवपुरी में 14 कार्यकर्ताओं को किया निष्कासित
इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने शिवपुरी में 18 कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया. इन सभी को 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया है. भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध जाकर ये निर्दलीय लड़ रहे थे. इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया.
असमंजस में थी बागियों को लेकर बीजेपी पार्टी
बता दें कि ग्वालियर निकाय चुनाव के लिए कई बीजेपी नेताओं ने निर्दलीय ताल ठोक दी थी. पार्टी द्वारा उन्हें मनाने की कोशिश की गई लेकिन कई बागी अभी भी मैदान में डटे हुए हैं. हैरानी की बात है कि इन बागियों को पार्टी ने पार्टी से निष्कासित नहीं किया है. दरअसल इसकी वजह ये है कि ये बागी नेता पार्टी के बड़े नेताओं के समर्थक हैं. ऐसे में पार्टी इन पर कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति में दिखाई दे रही है.
संगठन पदाधिकारियों ने भी दिखाई थी नाराजगी
इस पर बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी का कहना था कि अधिकांश बागियों को पहले ही मना लिया गया था और जो अभी भी मैदान में हैं, उन्होंने भी संगठन के अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने की बात कही है. अगर उन नेताओं ने ऐसा नहीं किया तो पार्टी निश्चित तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. इसके बाद ग्वालियर में तो नहीं, शिवपुरी में जरूर 18 कार्यकर्ताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया.