पूर्व डाकू पंचम सिंह ने तानी बुलडोजर के आगे बंदूक! सरकार को दी बड़ी चेतावनी
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पूर्व डाकू पंचम सिंह ने तानी बुलडोजर के आगे बंदूक! सरकार को दी बड़ी चेतावनी

Dacoit Pancham Singh: 70 के दशक में चंबल इलाके में समानांतर सरकार चलाने वाले पूर्व दस्यु पंचम सिंह की बंदूक की गरज इतनी तेज थी कि पुलिस भी सामना करने से कतराती थी. पंचम सिंह ने 100 से अधिक हत्या,लूट,डकैती के उस समय आरोप थे. 

पूर्व डाकू पंचम सिंह ने तानी बुलडोजर के आगे बंदूक! सरकार को दी बड़ी चेतावनी

प्रदीप शर्मा/भिंड: चंबल में आतंक मचाकर रखने वाले पूर्व डाकू पंचम सिंह ( Dacoit Pancham Singh) 100वें साल में पहुंच चुके हैं, लेकिन उनके अंदर का डाकू अब फिर जाग कर प्रशासन और सरकार से लड़ने की बात कर रहा है. दरअसल पंचम सिंह अपने आश्रम को बचाने के लिए अपनी जान भी देने को तैयार हो गए हैं. उन्होंने आमरण अनशन (Dacoit Hunger strike) की खुली धमकी दे दी है. उनकी मांग है या तो उन्हें दूसरी जगह दी जाए या फिर अपना आदेश वापस लें.

दरअसल भिंड जिले की लहार नगरपालिका में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी गीता पाठशाला का सेवा केन्द्र बना हुआ है. जिसका निर्माण चम्बल के कुख्यात बागी डाकू पंचम सिंह ने करवाया था. तीन मंजिला भवन को विधीवत रुप से पंचम सिंह ने ब्रह्माकुमारी संस्था की तात्कालिन संचालक दादी प्रकाश मणी जी मुख्यालय मांउट आबू राजस्थान के नाम दानपत्र किया था और संस्था ने संचालक के रुप में पंचम सिंह को नियुक्त किया था.

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गीता पाठशाला में लगभग पिछले 50 वर्षो से नियमित सत्संग हो रहा है. इसी ब्रह्माकुमारी आश्रम के पीछे नगरपालिका परिषद लहार ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवाया है. कॉम्प्लेक्स को मेन रोड के फ्रंट से जोड़ने के लिए नगरपरिषद लहार काम्प्लेक्स के आगे बने ब्रह्माकुमारी आश्रम एवं नगरपरिषद की दर्जनों दुकानें हटाने की कार्यवाही कर रही है, और इस संबंध में नगरपरिषद ने पूर्व डाकू पंचम सिंह सहित समस्त दुकान संचालकों को नोटिस भी जारी कर दिये हैं. ब्रह्माकुमारी आश्रम लहार के संचालक पूर्व डाकू पंचम सिंह चौहान ने शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि मेरे जीवत रहते मेरे धार्मिक स्थल गीता भवन को तोड़ा गया तो मैं आमरण अनशन करके प्राण त्याग दूंगा.

क्या कहा पूर्व डकैत पंचम सिंह ने जानिए
पूर्व नगर पंचम सिंह कहते हैं कि पूर्व में आबादी की जगह में कोई भी मकान बना सकता था. लिहाजा उन्होंने भी नगर पालिका सीमा में मकान बना लिया और वह मानते हैं कि यह संपत्ति नगरपालिका की है. नगरपालिका तोड़ने का भी अधिकार है, लेकिन उस जगह के बदले दूसरी जगह दी जाए. जिससे धार्मिक संस्था का सुचारू रूप से उनके जीते जी संचालन हो सके. अगर नगर पालिका प्रशासन जोर जबरदस्ती करता है तो वह अनशन कर अपने प्राण त्याग देंगे.

क्या कहना है नगरपालिका प्रशासन का
हालांकि नगर पालिका प्रशासन उन्हें अभी भी दूसरी मंजिल पर बने ब्रह्मकुमारी आश्रम के नीचे के हिस्से का किराएदार मानता है और वह अपनी संपत्ति का किराएदार मानते हुए नगर पालिका परिषद की संपत्ति को तोड़ने के लिए आदेश जारी करने की बात स्वीकार कर रही है.

जानिए कौन हैं पंचम सिंह चौहान
70 के दशक में चंबल इलाके में समानांतर सरकार चलाने वाले पूर्व दस्यु पंचम सिंह की बंदूक की गरज इतनी तेज थी कि पुलिस भी सामना करने से कतराती थी. पंचम सिंह ने 100 से अधिक हत्या,लूट,डकैती के उस समय आरोप थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने पंचम सिंह के ऊपर 2 करोड़ रुपये का इनाम रखा था. लेकिन गांधी वादी विचारक डॉक्टर एसएन सुब्बाराव की पहल पर महात्मा गांधी सेवा आश्रम जौरा में 1972 में पंचम सिंह ने 500 से अधिक साथियों के साथ सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद उनको मुंगावली की खुली जेल में रखा गया था. जहां पर वह प्रजापति ब्रह्मा कुमारी संस्था के सदस्य बन गए और जेल से वापस आने के बाद उन्होंने अपनी अधिकतर संपत्ति संस्था को दान कर दी और लहार मेन रोड पर नगरपालिका की शासकीय संपत्ति पर बने अपने मकान को एक अनुबंध के तहत ब्रह्माकुमारी संस्था को दान कर दिया था.

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