MP Assembly Election 2023: विकास की सड़कें न बनें चुनावी समस्या, शिवराज सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला
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MP Assembly Election 2023: विकास की सड़कें न बनें चुनावी समस्या, शिवराज सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला

MP Assembly Election 2023: विकास की धमनी कही जाने वाली सड़कें सरकार के लिए चुनाव में स्पीड ब्रेकर बन रही है. इस कारण अब सरकार ने निविदा की अवधि घटाने का फैसला किया है.

MP Assembly Election 2023: विकास की सड़कें न बनें चुनावी समस्या, शिवराज सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला

MP Election 2023: आकाश द्विवेदी/भोपाल। मध्य प्रदेश में अब चुनाव से पहले अगले महीने में कभी भी आचार संहिता लग सकती है. ऐसे में सियासी दल और सरकार प्रचार प्रसार के लिए अपने-अपने हथकंड़े अपनाने में लगे हैं. विपक्ष मुद्दों की तलाश कर रही है. वहीं सरकार अब आखिरी दौर में विकास का गती दे रही है. प्रदेश में लंबे समय से अटकी सड़कों के काम या कोई नए प्रोजेकट सरकार के लिए प्रचार में समस्या न बने इस कारण निविदा की अवधि घटाने का फैसला किया है.

घटाई निविदा की अवधि
सरकार ने आचार संहिता से पहले निविदा अवधि घटा दी है. अभी राज्य में 45 दिन की निविदा अवधी होती थी जिसे घटाकर 17 दिन कर दिया गया है. ऐसा फैसला प्रदेश की खराब सड़को से सरकार को चुनाव में नुकसान की आशंका के कारण किया गया है.

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अब मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, कायाकल्प योजना, विशेष निधि और अन्य राज्यप्रवर्तित योजनाओं में स्वीकृत सड़कों और अधोसंरचना विकास में 10 लख रुपए से अधिक की निविदाओं के लिए पहले आमंत्रण में 10 दिन दूसरे आमंत्रण में 7 दिन की अवधि निर्धारित कर दी गई है. यह छूट 15 अक्टूबर 2023 तक आमंत्रित की गई निविदाओं पर प्रभावशील रहेगी. पहले यह अवधि 30 और 15 दिन यानी की 45 दिन की थी जो अब घटकर 17 दिन की हो जाएगी.

बीजेपी ने सड़कों का बनाया था मुद्दा
मध्य प्रदेश में जब बीजेपी ने दिग्विजय सिंह की सरकार को गिराया था तो उन्होंने सड़क और बिजली को ही मुद्दा बनाया था. इन्ही के सहारे भाजपा ने चुनावी नैय्या पार की थी. अभी भी बीजेपी दिग्विजय के कार्यकाल में सड़कों का जिक्र करती है. लेकिन, अभी प्रदेश की सड़को की स्थिति ने चुनावी साल में सरकार की टेंशन बढ़ा दी है.

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दिए जा रहे विशेष फंड
मध्य प्रदेश की खराब सड़क सरकार के लिए मुसीबत बन रही है. अब आचार संहिता से पहले इन सड़कों का काम शुरू हो सके इसलिए निविदा अवधि घटा दी गई.  इसलिए चुनाव से पहले नगरीय निकायों को विशेष फंड देकर सड़के बनवाई जा रही हैं. कायाकल्प अभियान -1 में 750 करोड़ का फंड, कायाकल्प अभियान -2 में 800 करोड़ का फंड जारी किया.

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