Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यहां जन्मे शावक अब वयस्क होने की ओर बढ़ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.
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International Cheetah Day 2024: भारत में चीता संरक्षण कार्यक्रम सफलता की ओर बढ़ रहा है. कूनो नेशनल पार्क में पैदा हुए चीता शावक तेजी से बढ़ रहे हैं और अगले कुछ सालों में पूरी तरह से वयस्क हो जाएंगे. सरकार और विभिन्न संगठन मिलकर चीतों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.बता दें कि पिछले दो सालों में कूनो में चीतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में यहां शावकों सहित 24 चीते हैं. विशेषज्ञ इसे परियोजना की आंशिक सफलता मान रहे हैं.
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वयस्क बनने की ओर बढ़ रहे 12 चीता शावक
दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में जन्मे 12 भारतीय चीता शावक अगले डेढ़ से दो साल में पूरी तरह वयस्क हो जाएंगे. 2024 में चीतों के लिए स्थिति 2023 से बेहतर रही, जिसमें 11 नए शावक पैदा हुए और सिर्फ 2 वयस्क और 4 शावकों की मौत हुई. भारत में जन्मे चीते अफ्रीकी चीतों की तुलना में ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं. क्योंकि वे यहां की जलवायु से परिचित हैं. लेकिन 12 नामीबियाई और दक्षिण अफ्रीकी चीते भी अब कूनो की जलवायु में रच-बस गए हैं.
इंटरनेशनल चीता डे पर कूनो में छोड़े जाएंगे अग्नि और वायु
साल 2010 में 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस घोषित किया गया था. इस खास मौके पर बुधवार से एक बार फिर चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का सिलसिला शुरू होगा. सबसे पहले नर चीते अग्नि और वायु को एक साथ कूनो के खुले जंगल में छोड़ा जा रहा है. इसका साथ ही बुधवार को कूनो पार्क में चीता संचालन समिति की बैठक बुलाई गई है. चीता एक्शन प्लान के मुताबिक कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों के लिए पर्याप्त जगह है. वर्तमान में यहां कुल 24 चीते रह रहे हैं, जिनमें 12 शावक और 12 वयस्क शामिल हैं.
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हालात में सुधार हो रहा है
बता दें कि कूनो में चीतों के लिए स्थितियां लगातार बेहतर हो रही हैं. मंदसौर स्थित गांधी सागर सेंचुरी चीतों की दूसरी बसावट के लिए पूरी तरह तैयार है. कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर अभयारण्य तक राजस्थान से होकर प्राकृतिक वन्यजीव गलियारा मौजूद है, जिसे संरक्षित और विकसित करने के लिए राजस्थान के सहयोग से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.
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