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सत्य प्रकाश/रायपुर: जशपुर के बगीचा में पहाड़ी कोरवा दंपत्ति के अपने बच्चों के साथ खुदकुशी के मामले में भाजपा ने पार्टी स्तर पर अपनी जांच पूरी कर ली है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल की अगुआई वाली भाजपा नेताओं की समिति ने जांच पूरी की है. पार्टी की जांच रिपोर्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष और समिति के अन्य सदस्यों की प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.
बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- हम जब मृतक के घर गए तो घर में न एक किलो चावल मिला न हांडी मिली. भूख की वजह से पहाड़ी कोरवा दंपत्ति ने अपने बच्चों के साथ खुदकुशी की है. भूखमरी की स्थिति थी. उस गांव के आसपास रोजगार का कोई साधन नहीं है. मूलभूत सुविधाओं का क्षेत्र में आभाव है. 10 किलोमीटर दूर पीडीएस के राशन के लिए जाना पड़ता है, क्षेत्र में सड़क नहीं है, स्कूल भी 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. 137 गांव उस क्षेत्र में है, जिसमें 100 से ज्यादा गांवों में सड़क नहीं है.
पति पत्नी ने दो बच्चों की साथ की आत्महत्या, इलाके में फैली सनसनी
50 लाख का मुआवजा दें
नारायण चंदेल ने आगे कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सरकार के मुखिया वहां नहीं गये. मुख्यमंत्री जशपुर गये लेकिन उनका चौपर उस गांव में नहीं उतरा. कोई मंत्री भी वहां अबतक नहीं गया है. पहाड़ी कोरवा दंपत्ति के परिजनों को पर्याप्त सहायता राशि मिलना चाहिए और ऐसी घटनाएं नहीं हो उसके लिए सरकार ठोस कदम उठाना चाहिए. 50 लाख रुपये मुआवजा यूपी में छत्तीसगढ़ की सरकाए ने दिया, यहां भी परिवार को उतना ही दे दें. राष्ट्रपति को इस मामले की जानकारी देंगे.
मामला भारत सरकार तक जाएगा
पूर्व सांसद राम विचार नेताम ने कहा- दंपत्ति महुआ चुनने 15 किलोमीटर गया था. हफ्तेभर बाद वहां से आने के बाद देखा कि उसके घर में एक दाना नहीं है. उसका जमीन भी उपजाऊ नहीं है. मजदूरी कर के अपने घर-परिवार का पालन पोषण कर रहा था. परिवार आत्महत्या के लिए विवश हुआ. ये आत्महत्या सरकार के दावे की कलई खोल रहा है. भाजपा भारत सरकार के पास भी इस मामले को लेकर जाएगी
क्या था मामला
दरअसल बीते दिनों जशपुर में बगीचा थाना क्षेत्र के सामरबार के डूमरपार इलाके में पति पत्नि ने अपने दो बच्चों के साथ फांसी लगाकर (suicide) जान दे दी थी. मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि मजदूरी करके पति पत्नी जीवन यापन करते थे. मृतक परिवार को लेकर कहा जा रहा है कि ये पहाड़ी कोरवा परिवार की जाति से आता है. यह वही जनजाति है जिन्हें राष्ट्रपति ने गोद लिया है.