कांग्रेस में इन दिनों पार्टी संगठन के चुनाव होने हैं. जिसमें जिला अध्यक्षों का चुनाव होना है. खबर आ रही है कि पार्टी संगठन में नियुक्ति के लिए कई नेताओं ने अपने समर्थकों के नामों की सूची भेजी थी लेकिन कमलनाथ ने उन सभी समर्थकों के नामों पर कैंची चला दी. इससे पार्टी में नाराजगी पनपने का खतरा पैदा हो गया है.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः 2023 चुनाव से पहले पार्टी संगठन को धार देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कुछ बदलाव किए हैं. इन बदलावों के तहत पार्टी के कई नेताओं के समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसे लेकर पार्टी में कुछ नाराजगी पनपने की खबर है. पार्टी को दो विधायकों ने इसे लेकर अलग-अलग बयान दिए हैं.
बता दें कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारियों के चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में दिग्गज नेताओं ने पीसीसी दफ्तर अपने-अपने समर्थकों की लंबी-लंबी सूची सौंपी थी लेकिन कमलनाथ ने नेताओं के समर्थकों के सभी नामों पर कैंची चला दी है. इसे लेकर पार्टी में कुछ नाराजगी दिख रही है. जब पार्टी के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका देने के लिए ऐसा किया जा रहा है. पीसी शर्मा ने इसे 2023 की चुनावी राह मजबूत करने वाला फैसला बताया.
वहीं पार्टी के अन्य विधायक कुणाल शर्मा का भी इसे लेकर बयान सामने आया है. बयान में कुणाल शर्मा ने पीसी शर्मा के बयान पर कहा कि नेताओं के समर्थक भी जमीनी कार्यकर्ता हैं. संगठन चुनाव को लेकर कांग्रेस के संगठन चुनाव के रिटर्निंग अफसर आरसी खुटिया समेत कई नेता इन दिनों एमपी में एक्टिव हैं. एमपी में जिला अध्यक्ष की तैनाती होनी हैं.
वहीं नेताओं के समर्थकों के नामों पर कैंची चलने के बाद पार्टी में नाराजगी पनपने का डर पैदा हो गया है. 2023 से पहले कांग्रेस संगठन के चुनाव में नेताओं की नाराजगी कांग्रेस को भारी ना पड़ जाए! इससे पहले निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने कई युवा चेहरों को टिकट दिए थे, इससे कई नेताओं ने बगावत भी की थी.
बता दें कि 2023 चुनाव से पहले कमलनाथ पार्टी संगठन को मजबूत करने में लगे हैं. कमलनाथ बीजेपी संगठन की मजबूती को अच्छी तरह समझते हैं और वह खुलेआम बीजेपी संगठन की तारीफ भी कर चुके हैं. नगरीय निकाय चुनाव से पहले एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने बीजेपी संगठन की तारीफ की थी.