60 साल बाद मिले पॉलिटेक्निक कॉलेज के यार, एक स्टूडेंट तो अब बन गया स्वामी महाराज...
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60 साल बाद मिले पॉलिटेक्निक कॉलेज के यार, एक स्टूडेंट तो अब बन गया स्वामी महाराज...

  खंडवा के महात्मा ज्योतिबा फुले शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के 60 साल पुराने विद्यार्थी अपने कॉलेज लाइफ के बीते हुए दिन याद करने के लिए एक साथ जुटे. दोस्ती की खातिर देश के अलग-अलग प्रांतों के साथ ही विदेश से भी विद्यार्थी यहां पहुंचे.

60 साल बाद मिले पॉलिटेक्निक कॉलेज के यार, एक स्टूडेंट तो अब बन गया स्वामी महाराज...

प्रमोद सिन्हा/खंडवा:  खंडवा के महात्मा ज्योतिबा फुले शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के 60 साल पुराने विद्यार्थी अपने कॉलेज लाइफ के बीते हुए दिन याद करने के लिए एक साथ जुटे. दोस्ती की खातिर देश के अलग-अलग प्रांतों के साथ ही विदेश से भी विद्यार्थी यहां पहुंचे. अपने कॉलेज लाइफ के दिनों को जोश और मस्ती के साथ याद किया. इसमें कई तो ऐसे हैं, जो आज दादा और नाना बन गए. प्रदेश के पॉलिटेक्निक कॉलेजों के इतिहास में अब तक का यह पहला आयोजन है.

दरअसल खंडवा के ज्योतिबा फुले शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में हीरक जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है. दो दिनी एलुमिनी मीट के पहले दिन देश विदेश से भी पुराने दोस्त खंडवा पहुंचे. कॉलेज में पढ़ रहे आज के विद्यार्थियों ने दिल खोल कर उनका स्वागत सत्कार किया. अनोखे आयोजन में जिले के तीनों विधायक और महापौर भी पहुंचे. इन जनप्रतिनिधियों ने इस आयोजन की तारीफ की और कॉलेज से पढ़कर देश और समाज की सेवा करने वाले बुजुर्ग हो चुके, इन विद्यार्थियों के हौसले को सम्मान किया. जो उम्र की सीमा तोड़ कर दोस्ती की खातिर लंबी दूरी से यहां पहुंचे.

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1960 से 2000 तक के स्टूडेंट आए
इस आयोजन में 1960 से 2000 बैच के पास आउट विद्यार्थी पहुंचे. देश के अलग-अलग राज्यों, कंपनी और संस्थानों में ऊंचे पद पर कार्यरत रहे. इन तत्कालीन विद्यार्थियों ने कॉलेज में पहुंचकर अपने युवावस्था के दौर को जिया. लंबे अंतराल के बाद एक साथ जुटे इन विद्यार्थियों ने कॉलेज के पुराने दिनों को याद करते हुए खूब मस्ती की, सुख दुख और तरक्की को आपस में बांटा. नए विद्यार्थियों को संघर्ष करना सिखाया और कॉलेज में डोनेशन भी दिया. कुछ तो पत्नियों के साथ भी यहां पहुंचे थे.

कॉलेज के दिन याद आए
वहीं पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रोफेसर बीडी सनखेरे ने कहा कि पढ़ाई करने के बाद देश के अलग-अलग प्रांतों में ऊंचे पदों और बिजनेस में रहे इन विद्यार्थियों ने आपस में अपने अनुभव साझा किए. बताया कि कॉलेज की पढ़ाई में उनके जीवन में कितना सकारात्मक असर डाला. आज जब यहां आए तो उन्हें फिर से कॉलेज के दिन याद आ गए.

एक विद्यार्थी बना स्वामी
पॉलिटेक्निक कॉलेज के पहले बेच के विद्यार्थी विक्रम सिंह मौर्य रिटायर होने के बाद आज स्वामी विवेक चैतन्य बन गए. परिवार पूरा सेटल हो गया तो वो आध्यात्म की तरफ बढ़ चुके है. वह जब कॉलेज कैंपस में आए तो युवावस्था के दौर में पहुंच गए. उन्होंने बताया कि खंडवा शहर को पीने के पानी उपलब्ध कराने वाली सुकता बांध की डिजाइन उन्हीं के द्वारा बनाई गई थी जो आज भी कायम है. वहीं नौकरी के साथ खुद की कंपनी और बिजनेस स्थापित करने वाले विद्यार्थी भी यहां पहुंचे. इन्होंने अपनी तरक्की के पीछे शिक्षा के महत्व को बताया और इस कॉलेज में लाइब्रेरी के विकास के लिए 5 लाख रुपये का डोनेशन भी दिया.

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