Muslim Community Initiative: खरगोन में तंजीम उलमा ए हुफ़्फ़ान कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है. इसके अनुसार, शादियों अगर डीजी बजाया गया तो वो निकाह नहीं पढ़ेंगे.
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Madhya Pradesh News: खरगोन। मध्य प्रदेश में मोहन यादव की सरकार बनने के बाद सबसे पहले राज्य में डीजी आदि पर बैन या यूं कहें की अंकुश लगाने की कार्रवाई की गई. इसका असर प्रदेश भर में देखने को मिला. लोगों ने मंदिरों और मस्जिदों से खुद लाउड स्पीकर हटाए. वहीं कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की. इस बीच सरकार के आदेश का असर कहे या समाज की जगरुकता खरगोन से बड़ा अनूठा फैसला सामने आया है. जहां, DJ बजने पर शादी नहीं होगी.
- शादी में डीजे बजाया तो निकाह नहीं पढ़ाएंगे मौलवी
- तंजीम उलमा ए हुफ़्फ़ान कमेटी ने लिया निर्णय
- खरगोन के रामेश्वर टाकीज स्थित मदरसा इस्लामिया कार्यालय हुई बैठक
- मोहल्ले की कमेटी रखेगी नजर
- डीजे घर पर भी बजा तो नही पढ़ाएंगे निकाह
- मस्जिद में ही निकाह पढ़ाने की गुजारिश
शरीयत और सुन्नत के खिलाफ
खरगोन के के रामेश्वर टाकीज स्थित मदरसा इस्लामिया कार्यालय में आयोजित बैठक में मुफ़्ती तारिक, मुफ़्ती सोएब, मुफ़्ती इरफान, मुफ़्ती मोइज आदि मौजूद थे, कमेटी सदर मुसअब जिलानी ने बताया समाज मे होने वाली शादी में इन दिनों भटकाव दिखाई दे रहा है. शरीयत और सुन्नत के हिसाब से शादी न करते हुए शादी समारोह के आयोजन में डीजे, बाजे, आतिशबाजी, नाच-गाने, जुआ खेलने एवं अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है जो शरीयत के खिलाफ है.
यदि ऐसे कार्यक्रम किए गए तो वहां मौलाना हाफिज शादी में निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही उस शादी में किसी अन्य जगह के हाफिज मौलाना शामिल होंगे. समाज के लोगों से भी दरखास्त की गई जाएगी कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाएं नही तो समाज के लोग भी इस का बहिष्कार करें और शादी में शरीक ना हो। इस निर्णय को अमल में लाने के लिये मोहल्ला कमेटी भी बनाई जा रही है
इस फैसले के बाद
मुस्लिम समुदाय में शादी (निकाह) जैसे होने वाले आयोजनों में अब फिजूल खर्च, डीजे बजाने, नाच- गाने जैसी गतिविधियों करने पर पाबंदी रहेगी. तंजीम उलमा ए हुफ़्फ़ान कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने यह निर्णय लेकर समाज को इस पर अमल करने की अपील की है.
पिछले साल छतरपुर में हुआ था ऐसा फैसला
फिछली फरवरी में छतरपुर में भी ऐसा ही फैसला हुआ था. यहां एक दूल्हा अपनी बारात लेकर डीजे के साथ दुल्हन के घर पहुंचा था. तब काजी साहब इससे नाराज हो गए और उन्होंने देरी तक निकाय नहीं पढ़ा. हालांकि, जब दूल्हा-दुल्हन के पक्ष के लोगों ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी तो काजी साहब माने और निकाह न पढ़ने को राजी हुए. काजी साहब का कहना था कि डीजे बजने के कारण आसपास के लोगों को भी काफी परेशानी होती है.