Kuno Cheetah Death: मध्य प्रदेश की महत्वकांक्षी योजना कूनो चीता प्रोजेक्ट शावकों की मौत के बाद चर्चा में है. बच्चों को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं. इस मामले को देखने आए मोदी सरकार (PM Modi) में मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) ने गांधी सागर अभ्यारण (Gandhi Sagar Abhyaran) में शिफ्टिंग को लेकर फैसला कर लिया है.
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Kuno Cheetah Shifting: प्रिया पांडे/भोपाल। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीते के शावकों की मौत के बाद मामला गरमाया हुआ है. कई लोग इनके शिफ्टिंग की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार और प्रशासन लगातार उनके बचाव के लिए प्रयास कर रहे हैं. शिवराज सरकार (CM Shivraj Sarkar) का प्रयास है कि प्रोजेक्ट उनके हाथों से न जाने पाए. इस बीच मध्य प्रदेश पहुंचे मोदी सरकार (PM Modi) के मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Minister Bhupendra Yadav) ने चीतों की गांधी सागर अभ्यारण (Gandhi Sagar Abhyaran) में शिफ्टिंग को लेकर फैसला ले लिया है.
भोपाल में हुईं बैठकें
राजधानी भोपाल में सोमवार को कूनो में हुआ चीतो की मौत और चीता प्रोजेक्ट को लेकर बैठकें हुई. इसमें कई वन्य जीव जानकार के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव शामिल हुए. इस दौरान अधिकारियों से प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी गई और कई फैसले किए गए.
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शिफ्टिंग को लेकर हुआ ये फैसला
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सीएम शिवराज के साथ की चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा की है. बैठक के बाद उन्होंने चीतों की राजस्थान ट्रांसफर के कयासों पर विराम लगा दिया. भूपेंद्र यादव ने कहा कि चीते राजस्थान नहीं भेजे जाएंगे. उन्हें गांधी सागर अभ्यारण में शिफ्ट किया जाएगा.
प्रोजेक्ट के लिए किए गए ये फैसले
- साउथ अफ्रीका, नामीबिया जाएगा कुनो चीता प्रोजेक्ट का स्टाफ
- राजस्थान नहीं गांधी सागर अभ्यारण में शिफ्ट होंगे चीते
- राष्ट्रीय उद्यान के लिए अतिरिक्त वनरक्षक और वनपाल की व्यवस्था होगी
- चीता प्रोजेक्ट से जुड़े अमले को मिलेंगे आधुनिक वाहन
- 6 जून को भूपेंद्र यादव जाएंगे कूनो
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बता दें अभी कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 7 चीते खुले वन क्षेत्र हैं और 10 चीते अनुकूलन बाड़ों में रह रहे हैं. पिछले दिनों जन्में 4 शवकों में से 2 की मौत हो गई है. वहीं दो चीते किसी बामारी के कारण मौत के गाल में समा गए हैं. माना जा रहा है उन्हें अनुकूलन में दिक्क्त हो रहा है. अब सरकार का प्रयास है कि स्थितियों को सामान्य कर लिया जाए.
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