Vasant Panchami 2025: आज पूरे देश में बसंत पंचमी की धूम देखने को मिल रही है. जगह-जगह श्रद्धालु पंडाल बनाकर और मंदिरों में जाकर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना कर रहे हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक धार भोजशाला में भी मां वाग्देवी की पूजा अर्चना शुरू हो गई है. सुरक्षा के दृष्टिगत भारी पुलिस बल तैनात किए गए हैं. भोजशाला में चार दिवसीय बसंत उत्सव की शुरुआत हो गई है. आइए जानते हैं पूरा कार्यक्रम...
दरअसल, आज से धार स्थिति भोजशाला में बसंत उत्सव की शुरुआत हो गई है. उत्सव समिति ने पूरी तैयारियां कर ली है. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात हैं. मां सरस्वती की आराधना के लिए दिनभर हिन्दू समुदाय के भक्तों का मंदिर में आना जाना लगा रहेगा.
धार भोजशाला में आज से चार दिवसीय बसंत उत्सव कार्यक्रम का आगाज हो गया है. दिन में निकलेगी यात्रा संत उत्तम स्वामी करेंगे धर्मसाभा कों संबोधित करेंगे. यहां वसंत पंचमी के खास मौके पर मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी.
धार शहर की ऐतिहासिक भोजशाला में आज 3 फरवरी बसंत पंचमी से चार दिवसीय भोज महोत्सव का आयोजन परंपरा अनुसार होने जा रहा है , जिसको लेकर भोज महोत्सव समिति द्वारा व्यापक रूप से तैयारी कर ली गई है. आज सुबह से ही बसंत महोत्सव की शुरुआत हो गई है.
बसंत उत्सव को शांति और सौहार्द के साथ संपन्न कराने को लेकर धार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने भी पुख्ता व्यवस्था की है. जिला प्रशासन के अनेक अधिकारियों की भोजशाला सहित शहर में तैनाती की गई है.
धार जिला पुलिस द्वारा धार जिले सहित जिले से बाहर का भी पुलिस बल सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया है भोजशाला परिसर और उसके आसपास लगभग साढे सात सौ, डीएसपी, थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी सहित पुलिस अधिकारियों और जवानों की तैनाती रहेगी. इसके अलावा बमनिरोधक दस्ता एवं डॉग स्क्वायड भी लगाया गया है.
आज यानी 3 फरवरी से राजा भोज की माने जाने वाली प्राचीन भोजशाला में परंपरा अनुसार चार दिवसीय भोज महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें धर्म सभा मातृशक्ति सम्मेलन, भजन संध्या, कवि सम्मेलन और कन्या पूजन का भी आयोजन होगा. आज बसंत पंचमी के खास मौके पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजशाला मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु माँ वाग्देवी के दर्शन पूजन कर हवन में भी भाग लेंगे.
इसके साथ ही दोपहर में 11:00 बजे से उदाजी राव चौराहा लालबाग से माँ वाग्देवी के तेल चित्र के साथ एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली जावेगी जो भोजशाला पहुंचकर समाप्त होगी. बसंत पंचमी आयोजन में प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर 1008 श्री उत्तम स्वामी जी महाराज भी भाग लेंगे और धर्म सभा को संबोधित करेंगे. पूरे आयोजन को लेकर पुलिस द्वारा भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
भोजशाला का इतिहास और विवाद भोजशाला लंबे समय से विवाद में है. करीब 800 साल पुरानी इस भोजशाला को लेकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय में दो मत पाए जाते हैं. हिंदुओं के अनुसार भोजशाला यानी सरस्वती का मंदिर है, जबकि मुस्लिम इसे पुरानी इबादतगाह बताते हैं. प्रत्येक शुक्रवार मुस्लिम समाज यहां नमाज पढ़ता है तो मंगलवार को हिंदू समाज दर्शन पूजन के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करता है.
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