Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2628586
photoDetails1mpcg

Success Story: 2 बच्चों की मां ने ऐसे पाई PSC में सफलता, पहले अटेम्प्ट में बनी असिस्टेंट प्रोफेसर

Success Story: कहा जाता है कि संसार की सबसे बड़ी शक्ति इच्छा शक्ति होती है. इसी इच्छाशक्ति के बल पर शिवपुरी सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय की स्टूडेंट प्रियंका दांगी अपनी शादी के 12 साल बाद में PSC के प्रथम प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई हैं. आइए जानते हैं कैसे प्रियंका ने इस कठिन परीक्षा को कड़े संघर्षों के साथ क्रेक किया.

पैरोडी से आसान बनाई पढ़ाई

1/7
पैरोडी से आसान बनाई पढ़ाई

वर्तमान में प्रियंका व उनके पति नीमच में रहे रहे हैं. खास बात यह है कि इंटरव्यू में प्रियंका दांगी ने ज्यूरी मेंबर को बताया कि फिल्मी गीत पर पैरोडी के माध्यम से कठिन से कठिन विषय को आसानी से समझा जा सकता है. यह फिल्मी पैरोडी गीत सुनाया. शिक्षा की प्रति स्टूडेंट को आकर्षित करने के इस नए फॉर्मूले के कारण साक्षात्कार में 100 से 91 अंक मिले हैं. 

बेटा-बेटी की जिम्मेदारी निभाई

2/7
बेटा-बेटी की जिम्मेदारी निभाई

जून 2012 में प्रियंका दांगी की शादी हुई थी. प्रियंका दांगी ने बताया कि एमएससी करने के बाद उनकी शादी जून 2012 में प्रदीप सिंह दांगी से हुई, जो नीमच जिले के मनासा विद्युत विभाग में जॉब करते हैं.  उन्हें एक बेटी और फिर बेटा हुआ, जिन्हें पढ़ाने जिम्मेदारी निभाने में बड़ा मजा आया. घर में दो देवर थे, जिनमें छोटे देवर गजेंद्र दांगी को जब नवोदय परीक्षा तैयारी कराई तो उन्हें सफलता मिल गई.

देवर से मिली प्रेरणा

3/7
देवर से मिली प्रेरणा

"इसी तरह बड़े देवर को भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हुए देखा तो कुछ सवालों के जवाब जब वह रट रहे होते थे तो मैं वैसे ही बता देती थी, क्योंकि मैंने अपनी पढ़ाई पर बेहद फोकस किया था. लेकिन संयुक्त परिवार में शादी होने और बच्चों की जवाबदारी आ जाने के चलते मैं अपना करियर आगे नहीं बना मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हमेशा रही."

PSC में किया टॉप

4/7
PSC में किया टॉप

"इसके बाद देवर ने बार-बार पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया. भाभी आप तो PSC की तैयारी करो. तो हमने पहले नेट और फिर गेट परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद जब कॉलेज में प्रोफेसर बनने PSC का विज्ञापन देखा तो फार्म भर दिया और घर गृहस्थी के काम, सास-ससुर की सेवा करते हुए तैयारी शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने नेट, गेट परीक्षा उत्तीर्ण कर जब PSC की लिखित परीक्षा दी तो वह अपनी मेहनत से मध्य प्रदेश में पहले स्थान पर रहीं. मेंस परीक्षा में 576 अंक मिले. मेंस परीक्षा में 144 सवाल सही रहे."

पहले प्रयास में सफलता

5/7
पहले प्रयास में सफलता

"मेंस में हर प्रश्न के चार अंक रहते हैं जिनमें हमें 576 अंक मिले, जबकि साक्षात्कार में हमें 100 में से 91 अंक मिले. नतीजा यह यहा कि पहले ही प्रयास में प्रियंका को असिस्टेंट प्रोफेसर बनने में सफलता मिल गयी. उन्होंने मध्य प्रदेश की रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया."

इंटरव्यू में दिया जवाब

6/7
इंटरव्यू में दिया जवाब

इंटरव्यू के दौरान ज्यूरी मेंबर से प्रियंका ने कहा, "उनकी हॉबी पैरोडी लिखना है और किसी भी फिल्मी गीत पर पैरोडी के माध्यम से कठिन से कठिन विषय को आसानी से समझा जा सकता है. इसलिए मैंने मध्य प्रदेश के जिलों के नाम के साथ-साथ समसामयिक विषयों पर कई पैरोडी लिखी. जिसे जूरी सदस्यों ने सुनी और सराहा."

ज्यूरी मेंबर हुए प्रभावित

7/7
ज्यूरी मेंबर हुए प्रभावित

फिर सवाल करते हुए जूरी मेंबर ने कहा कि आपको पैरोडी कर शौक है तो फिर यू-ट्यूब पर जाकर काम क्यों नहीं शुरू करते. तो जवाब में प्रियंका बोलीं- "कर तो सकती हूं लेकिन मेरा शौक विद्यार्थियों को पढ़ाना है. वर्तमान की शिक्षा पद्धति में छात्रों का कॉलेज आना लगभग बंद सा हो गया है. अगर उन्हें नियमित अभ्यास रोचकता के साथ कराया जाए तो एक बार फिर से इस दिशा में अभी नई पहचान बनाई जा सकती है."