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ससुर की लाचारी...! अस्पताल से घर जाने के लिए नहीं थे पैसे, बीमार बहू को स्ट्रेचर पर ले गया

Jabalpur News: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां एक बुजुर्ग अपनी बीमार बहू को अस्पताल से स्ट्रेचर पर लेकर निकल पड़ा. स्थानीय लोगों ने जब यह देखा तो उन्होंने मदद की और एक वाहन किराए पर दिलवाया ताकि बुजुर्ग अपनी बहू को घर ले जा सके. जब लोगों ने बुजुर्ग से मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसके पास अस्पताल से घर ले जाने के लिए पैसे नहीं थे. ऑटो वाले 300 रुपये मांग रहे थे लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए वह मरीज को स्ट्रेचर पर घर ले जा रहा था.

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दरअसल, जबलपुर में एक बुजुर्ग को अपनी बीमार बहू को स्ट्रेचर पर अस्पताल से घर ले जाना पड़ा. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उनके पास ऑटो लेने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की. यह घटना वाकई शर्मनाक है.

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बता दें कि ब्यौहारबाग निवासी 67 वर्षीय ब्रज बिहारी की बहू शिखा रावत को कुछ दिन पहले इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को डॉक्टर ने उन्हें वार्ड से छुट्टी दे दी और बुजुर्ग को स्ट्रेचर थमाते हुए कहा कि बाहर से वाहन की व्यवस्था कर मरीज को घर ले जाओ.

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स्ट्रेचर को धकेलते हुए ब्रज बिहारी अस्पताल के बाहर पहुंचे और ऑटो वालों से बात की तो उन्होंने 300 रुपए मांगे. बुजुर्ग के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह ऑटो वाले को दे सकें.

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इसलिए चिंतित ब्रजबिहारी अपनी बहू को स्ट्रेचर पर घर ले जाने के लिए निकल पड़े. जिला अस्पताल से करीब 200 मीटर की दूरी पर जब कुछ लोगों ने एक बुजुर्ग को मरीज को लेकर स्ट्रेचर धकेलते देखा तो वे चौंक गए.

स्थानीय लोगों ने की मदद

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स्थानीय लोगों ने की मदद

जब स्थानीय लोगों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाते देखा तो स्थानीय लोगों ने उसे रोका और उससे बात की. इसके बाद उन्होंने मदद के लिए एक वाहन किराए पर लिया और उसे घर पहुंचाया.

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एक स्थानीय निवासी ने बताया कि शाम को एक बूढ़ा आदमी एक महिला को स्ट्रेचर पर ले जा रहा था. पहले तो उसे लगा कि उसे पता ही नहीं कि वह कौन है और अस्पताल के स्ट्रेचर पर किसको कहां ले जाया जा रहा है.

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बुजुर्ग को रोककर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी बहू जिला अस्पताल में भर्ती थी और डॉक्टर ने आज उसे डिस्चार्ज कर दिया है. मरीज को घर ले जाने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए वे उसे स्ट्रेचर पर ले जा रहे थे. बुजुर्ग की बात सुनकर अस्सू खान और उनके दोस्तों ने एक वाहन का इंतजाम करके उनकी मदद की और उन्हें घर पहुंचाया.